हाईकोर्ट बार चुनाव : राधाकांत ओझा अध्यक्ष व एसडी सिंह जादौन सचिव निर्वाचित

चीफ जस्टिस से मिलकर वकीलों से किया वादा पूरा करूँगा : ओझा

हाईकोर्ट बार चुनाव : राधाकांत ओझा अध्यक्ष व एसडी सिंह जादौन सचिव निर्वाचित

प्रयागराज, 07 दिसम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए तीन प्रमुख पदों के नतीजे मतगणना के पांचवें दिन मंगलवार को घोषित कर दिए गए। अध्यक्ष पद पर जहां राधा कांत ओझा ने जीत दर्ज की वहीं सचिव के लिए एसडी सिंह जादौन विजयी हुए।

अध्यक्ष पद पर सीनियर एडवोकेट आर के ओझा को 3275 वोट मिले हैं। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी अशोक कुमार सिंह को महज 2276 वोट ही मिले हैं। इस तरह राधा कांत ओझा ने अध्यक्ष पद पर 999 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। जबकि तीसरे नंबर पर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आई.के चतुर्वेदी को 1085 वोटों से ही संतोष करना पड़ा है।

महासचिव पद पर एस.डी जादौन को 1951 वोट मिले हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी विक्रांत पांडेय को 345 वोटों से हराया है। विक्रांत पांडेय को 1606 वोट ही मिले हैं। जबकि तीसरे स्थान पर शशि प्रकाश सिंह रहे, जिन्हें 585 वोट मिले। वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर मनोज मिश्र ने जीत दर्ज की है। उन्हें 2016 वोट मिले हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अमित कुमार को 188 वोटों के अंतर से हराया है। अमित कुमार को 1828 वोट मिले हैं। जबकि तीसरे स्थान पर रहे राजेश्वर सिंह को 1613 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

वहीं संयुक्त सचिव महिला संयुक्त सचिव कोषाध्यक्ष के पदों की मतगणना जारी है। इन पदों के साथ ही कार्यकारिणी सदस्यों के नतीजे आने तक मतगणना जारी रहेगी।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने के बाद आर के ओझा का वकीलों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा न्यायालय है। यहां पर समस्याएं भी ज्यादा है। उन्होंने जो भी वायदे अपने वकील साथियों से किए हैं पूरा करने के लिए चीफ जस्टिस से आग्रह करेंगे और सभी को साथ लेकर वकीलों की समस्याओं को दूर करेंगे। उन्होंने अपनी जीत के लिए अधिवक्ताओं का आभार जताया है। उन्होंने कॉज लिस्ट को लेकर हाईकोर्ट के वकीलों को रही समस्या को दूर करने का भी भरोसा दिलाया है। हर दूसरे शनिवार को जूनियर वकीलों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने की भी बात उन्होंने कही है। जिसमें 75þ उपस्थिति अनिवार्य होगी। जिससे जूनियर वकील भी न्यायालय में अपने मुकदमों की उचित पैरवी कर सकेंगे।

एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर उन्होंने कहा है कि हम न सिर्फ उसका सपोर्ट करते हैं। बल्कि जरूरत पड़ी तो बार के सहयोग से उसको लागू करने के लिए आंदोलन भी करेंगे। उन्होंने कहा है कि प्रजातंत्र में न्यायिक व्यवस्था सुदृढ एवं सुरक्षित होनी चाहिए। वहीं नवनिर्वाचित महासचिव एस डी जादौन ने कहा है कि अधिवक्ताओं की अस्मिता से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। न्याय की प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रयास करेंगे।