ज्ञानवापी मस्जिद व विश्वेश्वरनाथ मंदिर विवाद पर बहस जारी

मंदिर पक्ष ने फिर दोहराया यह कानून लागू नहीं होता

ज्ञानवापी मस्जिद व विश्वेश्वरनाथ मंदिर विवाद पर बहस जारी

प्रयागराज, 03 अगस्त । वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वेश्वर नाथ मंदिर विवाद मामले में बुधवार को बहस हुई। मस्जिद पक्ष की ओर से पूजा स्थल विशेष अधिनियम के तहत मुकदमे को वर्जित बताया गया जबकि मंदिर पक्ष ने कहा कि यह कानून यहां लागू नहीं होता। समयावधि की वजह से बुधवार को बहस पूरी नहीं हो सकी।

कोर्ट ने सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि लगाई है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया ने अंजुमने इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।

इसके पहले सुनवाई शुरू होते ही अंजुमने इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता पुनीत कुमार गुप्ता ने 26 दिसंबर 1944 के राजपत्र अधिसूचना के सम्बंध में एक पूरक हलफनामा दाखिल किया। कोर्ट ने उसे रिकॉर्ड पर लिया और मंदिर पक्ष की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया। 26 दिसंबर 1944 की अधिसूचना में यूपी सरकार ने मस्जिद को वक्फ घोषित किया था। इसके बाद बहस शुरू होते ही मस्जिद पक्ष की ओर से दावा किया गया कि मस्जिद मामले में पूजा स्थल विशेष प्रावधान अधिनियम 1991 की धारा चार लागू होगी। इसलिए मामला सुनवाई योग्य नहीं है और मुकदमा कानून द्वारा वर्जित है। उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया।

दूसरी ओर मंदिर पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि विवादित संपत्ति को समग्र रूप से देखा जाना चाहिए और उक्त उद्देश्य के लिए यह निर्धारित किया जाना है कि 15 अगस्त 1947 के दिन इसका धार्मिक चरित्र क्या है। इसलिए पूजा स्थल विशेष अधिनियम 1991 की धारा 4 के प्रावधान यहां लागू नहीं होंगे। उन्होंने सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश सात के नियम 11 के मामले में मस्जिद पक्ष के तर्कों को नकार दिया। कहा कि यह तथ्य और कानून दोनों का मुद्दा है, जो केवल साक्ष्य तय होने के बाद ही निर्धारित किया जा सकता है। अपने तर्कों के समर्थन में उन्होंने विभिन्न निर्णयों का भी हवाला दिया। समय की कमी की वजह से बुधवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने आगे की तिथि लगा दी।