'मन की बात' जैसे एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया

'मन की बात' जैसे एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया

'मन की बात' जैसे एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया

नई दिल्ली, 30 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम जैसे के मासिक उत्सव बन गया है। इसका 100 वां संस्करण तो जैसे भारतीयता का उत्सव बन गया। केन्द्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने ‘मन की बात’ के 100वें एपीसोड के लिए एक योजना बनाकर व्यापक तैयारी की थी। इसी के चलते जो भी केन्द्रीय मंत्री जहां भी था वहीं एक समारोह आयोजित कर लोगों की बीच बैठकर प्रधानमंत्री के मन की बात सुनने के लिए पहुंचा। यहां तक कि विदेशों में भी समारोह आयोजित किए गए। विदेशों में अधिकांश स्थानों पर भारतीय दूतावासों में तो कहीं-कहीं विशाल सभागारों में भारतीय समुदाय के बीच जाकर भारतीय राजदूतों ने मन की बात सुनी।

न्यूजर्सी में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘मन की बात’ समारोह सुनने के लिए जुटे लोगों को बाद में संबोधित भी किया और बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस एक साधारण से माने जाने वाले प्रयास ने लोगों की मानसिकता और समाज में कितना बड़ा परिवर्तन कर दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह लंदन के इंडिया हाउस में लोगों के बीच बैठकर ‘मन की बात’ सुनते दिखे।

वहीं गृहमंत्री अमित शाह मुंबई में एक भव्य समारोह में सम्मिलित हुए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के साथ हजारों लोग उनके साथ ‘मन की बात’ सुनते दिखे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ ‘मन की बात’ सुनने पहुंचे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर्नाटक में बड़ी -बड़ी सभाओं के बीच प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ सुनने पहुंचे।

सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ के 100वें संस्करण को सुनने के लिए आयोजित समारोहों में शामिल हुए। जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं वहा भारतीय जनता पार्टी ने भव्य आयोजन किए, जिसमें हजारों लोग एकत्रित आए। दिल्ली में जो केन्द्रीय मंत्री थे वे दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में सहभागी हुए। ‘मन की बात’ का प्रसारण समाप्त होने के बाद अधिकांश आयोजन स्थलों पर मोदी-मोदी और भारत माता की जय के नारे भी गूंजे।