प्रतिमा विसर्जन के साथ ही श्रीगणेश जन्मोत्सव हुआ सम्पन्न
प्रतिमा विसर्जन के साथ ही श्रीगणेश जन्मोत्सव हुआ सम्पन्न
लखनऊ 09 सितम्बर। श्रीगणेश की प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही लखनपुर में 31 अगस्त, भादों मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू हुआ गणेश जन्मोत्सव, अनंत चतुर्दशी, शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। भक्तों ने अगले बरस तू जल्दी आना,...गणपति बप्पा मोरया के जयकारों की बीच अपने आराध्य को विदा किया। झूलेलाल स्थित विसर्जन घाट पर शहर की अधिकांश मूर्तियों का विसर्जन हो गया। कुछ मूर्तियों को पुराने शहर के कुड़िया घाट पर विदाई दी गई। घाट पर मेला लगा हुआ था। बैंड बज रहे थे, भक्त एक दूसरे पर गुलाल डाल रहे थे और नाच रहे थे।
श्री गणेश प्राकट्य कमेटी की ओर से झूलेलाल वाटिका में चल रहे गणेशोत्सव की प्रतिमा का भू-विसर्जन किया गया। विसर्जन से पूर्व पूजा पण्डाल में आचार्याे ने वैदिक मंत्रोंच्चार के साथ पूजा- अर्चना की। इसमें कमेटी के सभी पदाधिकारी, सदस्य, कार्यकर्ता अपने पूरे परिवार के साथ शामिल हुए। बाद में सभी ने बप्पा से हाथ जोड़कर अगले बरस फिर आने की प्रार्थना की और भगवान गणेश की विशाल मूर्ति को रथ पर विराजित किया।‘गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ’ के जयघोष से झूलेलाल पार्क गूंज रहा था।
उसके बादयात्रा शुरु हुई। यात्रा में सबसे आगे बैण्ड उसके पीछे सात देवी देवताओं की सजी सुन्दर झांकी, फिर ढोल बजाने वालों का दल, उसके पीछे सात घोड़े, डीजे साउण्ड जिस पर कोलकाता के संजय शर्मा भजन सुनाते हुये चल रहे थे। उसके पीछे फिर आठ रथों पर राधा कृष्ण, शंकर पार्वती, मां दुर्गा, काली जी, ब्रम्हा विष्णु महेश, सरस्वती जी, मीरा बाई, लक्ष्मी जी, सांई बाबा, भैरव जी, शनिदेव, हनुमान जी, राम दरबार की सजी झांकिया चल रही थीं।
सबसे पीछे बप्पा का फूलों से बना सुन्दर रथ चल रहा था। रथ से बप्पा का महाप्रसाद सभी को बांटा जा रहा था। यात्रा में कमेटी के पदाधिकारी व उनके परिवार सहित अन्य कई भक्त शामिल हुए। जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। लोगों ने यात्रा में आईस्क्रीम, समोसा, मिठाई, केक, बिस्कुट, टाफी, फ्रूटी और मेवें का वितरण किया।
भक्तों ने बप्पा के रथ आरती उतारी और पुष्प वर्षा की। यात्रा झूलेलाल वाटिका से प्रारम्भ होकर विश्वविद्यालय मार्ग, आईटी चौराहा, रामकृष्ण मठ, शंकरनगर चौराहा, नजीरगंज, डालीगंज होते हुये झूलेलाल घाट पर समाप्त हुई।
यहां पर पूरे वैदिक परम्परा के अनुसार भगवान गणेश की प्रतिमा का भू विसर्जन किया गया।जब मूर्ति को भू विसर्जन के लिये क्रेन से उतारा गया तो श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू छलक आये। लगा जैसे कोई परिवार का सदस्य दूर जा रहा हो। सभी भक्त हाथ जोड़कर बप्पा को विदाई दी।
उधर चौक निवासी विनोद माहेश्वरी ने परिवार में स्थापित श्री गणेश प्रतिमा को अपने घर के टब मेें विसर्जित किया। दरअसल इनकी प्रतिमा इको फ्रेडली थी। कच्ची मिट्टी की बनी हुई थी, और इस पर जो रंग किया था, वह भी सरलता से पानी में घुलने वाला था। श्री विनोद ने इस तरह की प्रतिमा का विसर्जन कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता का परिचय दिया । बताया कि प्रतिमा के घुलने के बाद उसके पानी को पौधो में डाल दिया। विनोद के साथ उनकी पत्नी़ ऋतु माहेश्वरी व अन्य पारीवारिक सदस्यों ने भी पहले पूजा की और श्रद्धा के साथ विसर्जित कर दिया।