महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में आनंद गिरी की जमानत याचिका खारिज
महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में आनंद गिरी की जमानत याचिका खारिज
प्रयागराज, 09 सितम्बर । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या की बरसी के ठीक एक दिन पूर्व जेल में बंद आनंद गिरि को राहत देने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने कई दिन तक सुनवाई करने के बाद आज उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मेरिट के अभाव की वजह से याची जमानत पाने का हकदार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आनंद गिरि की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया।
इस मामले में सात सितम्बर को ही सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर नौ सितम्बर को फैसला सुनाने को कहा था। शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने तकरीबन 50 पेज में अपना फैसला सुनाया है।
इसके पहले कोर्ट में याची की ओर से दलील दी गई थी कि उसे केस में साजिशन फंसाया गया है। घटना से उसका कोई लेना देना नहीं है। घटना के दिन वह हरिद्वार में था और वह छह महीने से इलाहाबाद नहीं आया था। पूर्व में उसके और उसके गुरु महंत नरेंद्र गिरि के बीच जो भी विवाद था। उसे गुरु पूर्णिमा के दिन ही समाप्त कर लिया गया था लेकिन कोर्ट ने उनकी एक भी दलील स्वीकार नहीं की। कोर्ट ने सीबीआई की ओर पेश की गई दलीलों को स्वीकार की और आनंद गिरि की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। आनंद गिरि पर नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। हालांकि, हाई कोर्ट इस मामले में ट्रायल कोर्ट को शीघ्रता से केस की सुनवाई का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह मामले में जल्दी सुनवाई पूरी करे।