टोक्यो पैरालंपिक : भारत के लिए शानदार रहा सोमवार का दिन, एक स्वर्ण सहित चार पदक आए
टोक्यो पैरालंपिक : भारत के लिए शानदार रहा सोमवार का दिन, एक स्वर्ण सहित चार पदक आए
टोक्यो,30 अगस्त । टोक्यो पैरालंपिक में सोमवार का दिन भारत के लिए यादगार रहा। जिसमें देश ने एक दिन में एक नहीं बल्कि चार पदक जीते हैं। भारत की अवनी लखेरा जहां देश के लिए पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली इतिहास की पहली भारतीय महिला बनीं, वहीं एथलेटिक्स में भारत का दबदबा जारी रहा।
सोमवार को भारतीय दिग्गज भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र ने टोक्यो में अपना तीसरा पैरालंपिक पदक जीता और 64.35 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ F46 श्रेणी में प्रतिष्ठित रजत पदक जीता। इस स्पर्धा का कांस्य पदक भी भारत के खाते में गया। जिसमें राजस्थान के सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर तीसरा स्थान हासिल किया।
इस महीने की शुरुआत में टोक्यो रवाना होने से पहले सुंदर ने कहा था कि वह अच्छी फॉर्म में हैं और वह पदक जीतने के उद्देश्य से टोक्यो पैरालंपिक की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे वह रियो ओलंपिक में चूक गए थे।
देवेंद्र और सुंदर दोनों भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का हिस्सा रहे हैं और सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, खेल विज्ञान सहायता के साथ राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों,उपकरण और कोच फीस का अनुदान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
सोमवार को योगेश कथुनिया ने भारत के लिए तीसरा एथलेटिक्स पदक जीता। योगेश ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 श्रेणी में 44.38 मीटर के सीजन के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ भारत के लिए रजत पदक हासिल किया।
2017 में डिस्कस थ्रो बैक लेने वाले हरियाणा के युवा योगेश ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, 2019 में कांस्य पदक जीता था। योगेश 1984 पैरालंपिक में जोगिंदर सिंह बेदी के कांस्य पदक जीतने के बाद से डिस्कस थ्रो में पैरालंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष हैं। .
देवेंद्र और सुंदर की तरह, योगेश भी साई की टॉप्स योजना का हिस्सा रहे हैं, जिसने योगेश के लिए चार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को वित्त पोषित किया है और खेल विज्ञान सहायता के साथ राष्ट्रीय कोचिंग शिविर प्रदान किए हैं। सभी तीन एथलीटों को टोक्यो पैरालंपिक में पदक के उम्मीदवार माना जाता था और सभी उम्मीदों पर खरा उतरे।