प्रधानमंत्री मोदी ने समर्पित किया अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन

करछना स्टेशन 'ऑपरेशन सिंदूर' को समर्पित

प्रधानमंत्री मोदी ने समर्पित किया अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश भर के 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का औपचारिक लोकार्पण किया। इन स्टेशनों में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मंडल के करछना रेलवे स्टेशन का विशेष उल्लेख रहा, जिसका लोकार्पण समारोह भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान को समर्पित 'ऑपरेशन सिंदूर' की स्मृति में आयोजित किया गया।

बृहस्पतिवार को करछना रेलवे स्टेशन पर आयोजित यह लोकार्पण समारोह अत्यंत उत्साहपूर्ण और देशभक्तिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। पूरा स्टेशन परिसर भारतीय सेना के पराक्रम को नमन करते हुए सजाया गया था। देशभक्ति गीतों की गूंज और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह में जोश भर दिया। स्टेशन को फूलों की आकर्षक मालाओं से सजाया गया था, और सेना के शौर्य को दर्शाने वाली प्रदर्शनियां व स्टैंड लगाए गए थे। कार्यक्रम का मुख्य पंडाल भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की थीम पर तैयार किया गया था, जो देश प्रेम की भावना को और प्रबल कर रहा था। इस भव्य समारोह की मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल रहीं, जिन्होंने रेलवे के विकास और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

करछना स्टेशन का कायाकल्प: आधुनिक सुविधाओं से लैस

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत करछना स्टेशन के पुनर्विकास पर लगभग 9.8 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस व्यापक उन्नयन के माध्यम से स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है ताकि यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान किया जा सके। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यह स्टेशन तिहरीकृत रेल मार्ग का हिस्सा है, जो इसकी कनेक्टिविटी और यातायात क्षमता को बढ़ाता है। भविष्य में, इसे 160 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति वाली रेल सेवाओं से जुड़ने के लिए भी तैयार किया जा रहा है, जिससे यात्रियों का सफर और भी तेज और सुविधाजनक हो जाएगा।

पुनर्विकसित करछना स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार किए गए हैं। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए 3 मीटर चौड़ा एक आधुनिक फुट ओवर ब्रिज (FOB) बनाया गया है, जो विभिन्न प्लेटफार्मों के बीच सुगम आवागमन सुनिश्चित करेगा। यात्री भार को संभालने और ट्रेनों के संचालन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया है। स्टेशन भवन को आधुनिक वास्तुकला और सुविधाओं के साथ नया रूप दिया गया है। यात्रियों के आराम के लिए विशाल और आरामदायक यात्री प्रतीक्षालय बनाए गए हैं, जहां वे अपनी ट्रेनों का इंतजार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, स्टेशन के बाहरी हिस्से यानी सर्कुलेटिंग एरिया को भी विस्तृत और सुव्यवस्थित किया गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही और पार्किंग आसान हो गई है।

भारतीय रेलवे द्वारा पूरे देश में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, रेल अवसंरचना के उन्नयन पर भारी निवेश किया जा रहा है। उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम रजनीश अग्रवाल ने बताया कि भारतीय रेलवे उत्तर प्रदेश में कुल 94,564 करोड़ रुपये की भारी लागत से विभिन्न रेल आधारभूत संरचना विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। यह प्रतिबद्धता वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य को मिले रिकॉर्ड 19,858 करोड़ रुपये के आवंटन से और भी मजबूत होती है। इस विशाल आवंटन के तहत, अकेले उत्तर प्रदेश में ही 157 अमृत भारत स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं, जो राज्य के रेलवे नेटवर्क की सूरत बदल देंगे।

आज लोकार्पित किए गए 103 स्टेशनों में से 19 स्टेशन उत्तर प्रदेश के हैं, जो राज्य में रेलवे विकास की गति को दर्शाते हैं। प्रयागराज मंडल के करछना और गोविंदपुरी स्टेशन इन 19 स्टेशनों में शामिल हैं, जो मंडल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा, उत्तर मध्य रेलवे के कुल नौ स्टेशन इस लोकार्पण सूची का हिस्सा रहे।

अमृत भारत स्टेशन योजना का मुख्य उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों को आधुनिक, सुगम और यात्री-अनुकूल बनाना है। इस योजना के तहत विकसित किए जा रहे स्टेशन न केवल बेहतर यात्री अनुभव प्रदान करते हैं, बल्कि सुगम आवागमन की सुविधा सुनिश्चित कर क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह पहल भारतीय रेलवे के व्यापक आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि के सरकार के दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग है।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का संबोधन: रेलवे विकास के चार स्तंभ

करछना रेलवे स्टेशन के अमृत भारत स्टेशन के रूप में विकसित होने के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने संबोधन में भारतीय रेलवे के भविष्य और वर्तमान उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वह दिन दूर नहीं है जब देश में हाई-स्पीड बुलेट ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा, जो भारत की तकनीकी प्रगति का प्रतीक होगा। उन्होंने स्वदेश निर्मित सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, वंदे भारत एक्सप्रेस की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि यह ट्रेन यात्रियों को अद्भुत यात्रा का अनुभव करा रही है।

मंत्री पटेल ने पिछले कुछ वर्षों में रेलवे क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि देश भर में रेलवे अंडर ब्रिज (RUB) और रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) का एक विशाल नेटवर्क बिछाया गया है, जिससे सड़क यातायात को रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाली बाधाओं से मुक्ति मिली है और आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने रेलवे को 'भारत की जीवन रेखा' बताते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया और कहा कि जब रेलवे का विकास होता है, तो वास्तव में देश का विकास होता है, जिसका सीधा लाभ आम जनता को मिलता है।

केंद्रीय मंत्री ने रेलवे सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि पूरे देश से मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त करने का कार्य तेजी से चल रहा है और इसमें बड़ी सफलता भी हासिल हुई है। उन्होंने 'कवच' सुरक्षा प्रणाली का उल्लेख किया, जो एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जब 'कवच' पूरे नेटवर्क में पूरी तरह से लागू हो जाएगा, तो ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या शून्य स्तर पर पहुंच जाएगी, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

आधुनिक तकनीक के उपयोग पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देशभर के रेलवे स्टेशनों का बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण किया जा रहा है। अब यात्रियों को टिकट के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं पड़ती, क्योंकि मोबाइल ऐप के माध्यम से ही आसानी से टिकट प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने ट्रेनों और स्टेशनों पर उपलब्ध कराई जा रही आधुनिक सुविधाओं का भी जिक्र किया, जिनमें ट्रेनों में बायो टॉयलेट, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, नए रेलवे ट्रैक का निर्माण और आधुनिक स्टेशन भवनों का निर्माण शामिल है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्तमान सरकार ने भारतीय रेलवे की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी है।

अनुप्रिया पटेल ने सरकार द्वारा रेलवे के विकास के लिए निर्धारित चार प्रमुख स्तंभों का विस्तार से वर्णन किया:

  1. रेलवे के ढांचे का आधुनिकीकरण: इसमें पुरानी अवसंरचना को उन्नत करना, नई तकनीक अपनाना और विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित करना शामिल है।
  2. यात्री सुविधा: यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए आराम, सुरक्षा और सुविधा से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना।
  3. देश के कोने-कोने में कनेक्टिविटी: दुर्गम क्षेत्रों तक रेल नेटवर्क का विस्तार करना और प्रमुख केंद्रों को जोड़ना, जिससे समग्र संपर्कता बढ़े।
  4. रोजगार सृजन और उद्योग को बढ़ावा: रेलवे परियोजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना तथा सहायक उद्योगों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करना।

उन्होंने बताया कि सरकार इन्हीं चारों स्तंभों पर लगातार काम करते हुए भारतीय रेलवे को विकसित कर रही है। अमृत भारत स्टेशन योजना का महत्वाकांक्षी लक्ष्य देशभर में लगभग 1300 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करना है। इसके साथ ही, पूरे देश को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से जोड़ने की योजना है, जिससे माल ढुलाई अधिक कुशल और तेज हो सकेगी, जिसका सीधा सकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। रोजगार सृजन के मोर्चे पर, उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा रेलवे क्षेत्र में अब तक 5 लाख से अधिक नौकरियां प्रदान की जा चुकी हैं। नई टिकटिंग प्रणाली जैसी डिजिटल पहलें भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर सृजित कर रही हैं। अंत में, उन्होंने दोहराया कि आने वाले समय में यात्री जल्द ही 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली आधुनिक ट्रेनों में यात्रा करने का सुखद अनुभव प्राप्त कर सकेंगे, जो भारतीय रेलवे के सुनहरे भविष्य का संकेत है।