हाईकोर्ट से हाजी याकूब कुरैशी व उनके परिवार को लगा बड़ा झटका

मेरठ में दर्ज मुकदमा रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक की मांग में दाखिल याचिका खारिज

हाईकोर्ट से हाजी याकूब कुरैशी व उनके परिवार को लगा बड़ा झटका

प्रयागराज, 07 मई । उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी हाजी याकूब कुरैशी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने हाजी याकूब कुरैशी की मेरठ में दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने और इस मुकदमे के आधार पर उन्हें गिरफ्तार न करने की मांग में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है।

उच्च न्यायालय के दो जजों की बेंच में न्यायाधीश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र व जस्टिस रजनीश कुमार ने याचिका में याची हाजी याकूब कुरैशी की तरफ से पर्याप्त आधार नहीं पेश किए जाने पर इसे खारिज कर दिया। याचिका कुरैशी के साथ ही उनके परिवार वालों की तरफ से भी दाखिल की गई थी। मीट फैक्ट्री को संचालित किए जाने का याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोई अधिकार पत्र पेश नहीं किया जा सका। एक ही याचिका में परिवार के कई सदस्यों की अर्जी शामिल थी। हाईकोर्ट ने न तो कुरैशी और ना ही उनके परिवार के किसी भी सदस्य को राहत दी।

अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में कतई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। उच्च न्यायालय से याचिका खारिज होने के बाद याकूब कुरैशी और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है। अब उन सभी के खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।

मामले के अनुसार याची हाजी याकूब कुरैशी व उनके परिवार के खिलाफ अवैध रूप से मीट फैक्ट्री संचालित किए जाने के मामले में पूरे परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है। 31 मार्च को हुई छापेमारी में 5 करोड़ रुपये का मांस बरामद हुआ था। प्राथमिकी में कुरैशी के साथ ही उनकी पत्नी संजीदा बेगम और दोनों बेटों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।

पूरे परिवार के खिलाफ मेरठ के खरखौड़ा थाने में आईपीसी की धारा 420, 269, 27, 272, 273 और 120 बी में मुकदमा दर्ज किया गया है। 31 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही हाजी याकूब कुरैशी और उनका पूरा परिवार फरार चल रहा है।