जमीन विवाद में चाकुओं से गोदकर 13 साल की नाबालिग परी की बेरहमी से हत्या, 3 अन्य गंभीर घायल
बस्ती में दिल दहला देने वाली वारदात

बस्ती, 15 जून )। उत्तर प्रदेश का बस्ती जिला एक बार फिर गंभीर अपराध की एक और घटना से दहला गया है। जिले में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाओं के बीच एक ताजा और दिल विचलित कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां जमीन के पुराने विवाद ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि उसकी भेंट एक मासूम 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची चढ़ गई। उसे बेरहमी से चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतार दिया गया। इस जघन्य वारदात ने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली और लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जमीन विवाद बना जान का दुश्मन: जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक घटना पैकोलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत जीतीपुर लालापुरवा गांव की है। बताया जा रहा है कि गांव के निवासी अतुल श्रीवास्तव और दूसरे पक्ष के दूधनाथ वर्मा व अमरनाथ वर्मा के बीच जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। यह विवाद अक्सर तनाव का कारण बनता रहता था।
पैमाइश और मिट्टी भराई बनी तात्कालिक कारण: शुक्रवार, 15 जून को अतुल श्रीवास्तव अपने घर के निकट स्थित अपनी जमीन की पैमाइश और सीमांकन करवाने का काम करवा रहे थे। इसके साथ ही वह उस हिस्से में मिट्टी भरवाने का काम भी करवा रहे थे। इसी बात को लेकर दूसरे पक्ष के दूधनाथ वर्मा और अमरनाथ वर्मा ने इसका उग्र विरोध किया।
विरोध ने लिया खूनी संघर्ष का रूप: विरोध देखते ही देखते हाथापाई में बदल गया और फिर अचानक उसने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। आरोप है कि दूधनाथ वर्मा और अमरनाथ वर्मा ने लाठी-डंडों और धारदार चाकुओं से सुसज्जित होकर अतुल श्रीवास्तव और उनके परिवार के सदस्यों पर अचानक जानलेवा हमला बोल दिया।
मासूम परी बनी हिंसा का शिकार: इस क्रूर हमले में अतुल श्रीवास्तव की 13 वर्षीय बेटी परी श्रीवास्तव गंभीर रूप से घायल हो गई। चाकुओं के कई वार लगने से उसकी हालत बेहद नाजुक हो गई। हमले में अतुल श्रीवास्तव और उनके परिवार के तीन अन्य सदस्य भी बुरी तरह जख्मी हो गए।
सूचना पर पहुंची पुलिस, अस्पताल में परी मृत घोषित: इस घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पैकोलिया थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने सभी घायल व्यक्तियों को फौरन इलाज के लिए नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) भेजा। लेकिन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने 13 वर्षीय परी श्रीवास्तव को tragically मृत घोषित कर दिया। वहीं, बाकी तीन घायल सदस्यों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।
पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल: इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस (पैकोलिया थाना पुलिस) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों और पीड़ित परिवार का आरोप है कि जमीन विवाद को लेकर पहले भी कई बार पुलिस से शिकायत की गई थी और संभावित खतरे के बारे में आगाह किया गया था, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और न ही कोई एहतियाती कदम उठाए, जिसका परिणाम यह दर्दनाक हत्या बनी। यह स्पष्ट रूप से पुलिस की घोर लापरवाही को दर्शाता है।
सीओ मौके पर, जांच जारी: घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। सर्कल ऑफिसर (CO) संजय सिंह स्वयं घटनास्थल पर मौजूद रहकर मामले की गहन जांच पड़ताल कर रहे हैं। पुलिस टीम बारीकी से घटनास्थल का मुआयना कर रही है, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और प्रत्यक्षदर्शियों तथा स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों की तलाश जारी, मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू: पुलिस ने मुख्य आरोपी दूधनाथ वर्मा और अमरनाथ वर्मा सहित अन्य शामिल लोगों के खिलाफ हत्या (धारा 302) और जान से मारने के प्रयास (धारा 307) सहित संबंधित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरोपी घटना के बाद से फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
गांव में शोक और आक्रोश: इस जघन्य वारदात से पूरे जीतीपुर लालापुरवा गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण इस घटना से स्तब्ध हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तथा पुलिस की लापरवाही की जांच की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जमीन विवाद जैसी छोटी चिंगारी भी अगर समय रहते पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप से न बुझाई जाए, तो कितना खतरनाक और जानलेवा रूप ले सकती है। पुलिस मामले की आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है और जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा कर रही है।