'डिजिटल पीढी-हमारी पीढी' थीम के तहत बालिकाओं ने निकाला मार्च

'डिजिटल पीढी-हमारी पीढी' थीम के तहत बालिकाओं ने निकाला मार्च

'डिजिटल पीढी-हमारी पीढी' थीम के तहत बालिकाओं ने निकाला मार्च

लखनऊ, 11 अक्टूबर। अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘डिजिटल पीढी हमारी पीढी थीम‘ के तहत लखनऊ के बुद्धेश्वर मंदिर स्थित पार्क से ‘गर्ल्स मार्च फार डिजिटल फ्रीडम रैली ‘का आयोजन किया। इसमें बालिकाओं सहित समाजसेवियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सभी ने डिजिटल पीढ़ी-हमारी पीढ़ी के साथ हो रहा जेंडर आधारित भेदभाव बंद हो, 18 वर्ष तक बच्चों की शिक्षा मुफ्त करों, बाल मजदूरी बंद करों, बाल विवाह बंद करो़, बच्चियों के साथ हिंसा बंद करों के नारे लगाते मार्च निकाला गया।

आयोजक इनिशिएटिव फाउन्डेशन इंडिया के निदेशक अमित मिश्रा ने इस दिवस के बारे में कहा कि डिजिटल क्रांति लड़कियों के बिना नहीं हो सकती है। जहां कोरोना महामारी ने सीखने, जुड़ने और कमाई करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को तेज किया है, वहीं लड़कियों के साथ डिजिटल उपयोग में हो रहें भेदभाव को भी उजागर किया हैं। इसलिए लोगों को समाज और परिवार में फैली असमानता और बहिष्कार का विरोध कर सभी के लिए एक डिजिटल क्रांति की शुरुआत करनी चाहिए।

संस्था की यूथ लीडर कल्पना ने कहा कि शिक्षा के अभाव मे खुशहाल समाज की कल्पना नही की जा सकती। आज के दौर की शिक्षा में डिजिटल उपकरणों की उपयोगिता बहुत महत्वपूर्ण हैं। बेटीयां शिक्षित होगी तभी हमारे समाज विकास संभव है। जिस प्रकार सरकार ने अतिमहत्वपूर्ण शिक्षा का अधिकार कानून बनाया है कुछ वैसे ही सरकार को सभी बच्चो के लिए उसके आगे भी निशुल्क शिक्षा के लिए कदम बढ़ाना चाहिए।

सह आयोजक ‘एक साथ अभियान ‘से जुड़े सूरज ने कहा कि हमारे देश में बहुत सारी बहने और बेटियां आज भी बाल विवाह, दहेज, लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा का सामना कर रही है। शिक्षा और जागरुकता ही वो हथियार है, जिससे ऐसी कुरीतियों को दूर किया जा सकता है।