लोक आस्था का पर्व सूर्य उपासना डाला छठ

लोक आस्था का पर्व सूर्य उपासना डाला छठ

लोक आस्था का पर्व सूर्य उपासना डाला छठ

प्राय: आपने सुना होगा कि "डूबते हुए सूर्य को नमस्कार कौन करता है"। इस प्रकार की बात करने वाले लोग भी अब अपनी खुली आंखों से देख रहे हैं कि केवल डूबते सूर्य को नमस्कार ही नहीं बल्कि आस्था, विश्वास एवं कठोर तपस्या के साथ सूर्य उपासना का यह चार दिवसीय त्योहार अत्यंत ही श्रद्धा, भक्ति एवं अंतर्मन की शुद्धि के साथ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।

जिस परिवार में भी इस व्रत को करना होता है, वहां कम से कम एक सप्ताह पहले से ही शुद्धता के साथ तैयारी शुरू हो जाती है। उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री/अनाज आदि की साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखा जाता है। व्रत की शुरुआत चतुर्थी तिथि से "नहाय खाय" अर्थात शुद्धतापूर्ण आहार से प्रारम्भ होता है। पंचमी तिथि को केवल एक बार साम को "मीठा भात" (जाउर या गुड़ का खीर) ग्रहण करके अगले दिन षष्ठी तिथि को व्रत रहकर सायंकाल डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती सूर्य प्रणाम करता है। यह कार्य जलाशय (नदी- पोखरा) में खड़ा होकर किया जाता है। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर दीप जलाकर रात्रिजागरण, कथा/ गीत-संगीत के साथ करते हुए पुनः प्रातः सूर्योदय (उदयाचल) के समय उदित सूर्य को अर्घ्य देकर चौथे दिन पूर्ण मनोयोग से मनोकामना पूर्ति की ईच्छा के साथ घाट पर खड़े श्रद्धालुजनों में प्रसाद वितरण एवं सुहागिन औरतों की मांग में ब्रति औरतें सींदूर भरती हैं।

इस समय प्रसाद प्राप्त करने के लिए घाटों पर जो भीड़ होती है, वह देखते बनती है। वास्तव में एक व्यक्ति पांच व्रती से प्रसाद ग्रहण करने को शुभ मानता है। तत्पश्चात् व्रती अन्न जल ग्रहण कर व्रत पूरी करते हैं। लोग इसे बिहार से शुरू हुआ कहते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश से होता हुआ केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पश्चिम के कई देशों में लोग इस त्योहार को मनाते देखे जा सकते हैं। इसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि शासन प्रशासन को भी काफी चाकचौबंद के साथ साथ तैयारी करनी पड़ती है। पर्व को देखते हुए गोमती नदी के किनारे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा तमाम तरह की कवायदे शनिवार से शुरू कर दी गई है।

शनिवार को घाटों का जायजा विशेष सचिव नगर विकास अनिल कुमार शर्मा व जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक शहर डॉ संजय कुमार ने घाटों का निरीक्षण कर साफ सफाई के आवश्यक निर्देश दिए। विशेष सचिव ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं कुछ तैयारियां बाकी है जिन्हें कल तक पूर्ण करने का आदेश दिया गया है। पूजा को लेकर सभी व्यवस्थाएं ठीक है। जिलाधिकारी ने बताया कि पानी ज्यादा होने के कारण घाटों पर बैरीकेट लगा दिया गया है। पुलिस और गोताखोरों की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। घाटों की सफाई करा दी गई है, नदी में गोताखोर वोट लगा दी गई है। लाइट की उचित व्यवस्था की गई है जिला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है।