कौशाम्बी: भाभी से नजदीकी में गई थी प्रदीप की जान

चचेरे भाइयो को गिरफ्तार कर पुलिस ने किया खुलासा

कौशाम्बी: भाभी से नजदीकी में गई थी प्रदीप की जान
कौशाम्बी, 24 जून। सराय अकिल थाना क्षेत्र के जाठी गांव में प्रदीप हत्याकांड का खुलासा गुरुवार को पुलिस ने कर दिया है। पुलिस मामले में प्रदीप के दो चचेरे भाई अनिल यादव व अजीत यादव को गिरफ्तार किया है। 
 
पुलिस के सामने अपने बयान में आरोपियों ने बताया, प्रदीप उनकी पत्नियों से घंटों कमरे में बैठा बातें करता रहता था। शक के आधार पर उन्होंने प्रदीप के खाने में जहर मिलाकर उसे मौत के घाट उतारा और फिर मौत को प्राकृतिक बता दाह संस्कार करा दिया। 
 
मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के छिकतपुर निवासी स्व. फूलचंद और उनकी पत्नी कुसुम की मौत अरसे पहले बीमारी के चलते हो गई। दोनों के बच्चे कुलदीप (25) और प्रदीप (23) को दादा रणधीर और नाना विशंभर अपने साथ रख कर पालन पोषण करने लगे। नाना सराय अकिल थाना क्षेत्र के जाठी गांव में रहते हैं। प्रदीप का लालन पालन वहीं होने लगा। 18 जून की रात अचानक प्रदीप के मौत की सूचना परिवार और रिश्तेदारों को हुई। सबने मिलकर प्रदीप की मौत को प्राकृतिक मान बिना पुलिस को सूचित किये दाह संस्कार कर दिया। लेकिन भाई कुलदीप को प्रदीप की मौत स्वाभाविक नहीं लगी। कुलदीप ने प्रदीप की मौत पर हत्या का शक जाहिर करते हुए सराय अकिल पुलिस को तहरीर दी। तहरीर में कुलदीप ने मौसा चिरंजीलाल, चचेरे भाई अनिल अजीत उर्फ़ रानू, भानू व मंगलदास को आरोपी बनाया।   
 
भाभी से बात करना बना प्रदीप की मौत का कारण 
सराय अकिल पुलिस को प्रदीप कुमार यादव हत्याकांड की तफ्तीश के दौरान कोई ख़ास क्लू हत्या का नहीं मिल रहा था। नाना, मौसा और चचेरे भाई और रिश्तेदार प्राकृतिक मौत का दावा कर रहे थे। एक कुलदीप ही प्रदीप की हत्या किये जाने की जिद पकड़ कर बैठा था। सीनियर सब इन्स्पेक्टर परमानन्द यादव ने बताया, घर की महिलायें भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थी। प्रदीप की काल डिटेल में भी कुछ ख़ास क्लू हांथ नहीं लगा। अचानक उन्होंने प्रदीप के मोबाइल की गैलरी देखना शुरू किया। जिसमें अनिल की पत्नी, व अजीत की पत्नी की तमाम तस्वीर प्रदीप के साथ मिली। तहकीकात की दिशा बदल अनिल और अजीत से पुलिस से पूंछतांछ शुरू की। जिसमे आरोपितों ने अपने गुनाह को कबूल कर लिया। 
 
खाने में जहर देकर भाई को दी मौत 
चचेरे भाई अनिल और अजीत अपनी अपनी पत्नियों से बात करते हुए देख प्रदीप पर शक करने लगे थे। कई बार उसे भाभियो से दूर रहने की हिदायत दी लेकिन वह उसके पास ही जाकर बैठा मिलता था। 18 जून की रात खाना खिलाने के बहाने प्रदीप को छत पर ले गए और खाने में जहर मिला उसे मौत की नींद सुला दिया। 
 
कातिल भाई भेजे गए सलाखों के पीछे  
सीनियर सब इन्स्पेक्टर परमानन्द ने बताया, प्रदीप यादव की हत्या में गिरफ्तार चचेरे भाइयो के कबूलनामे के आधार पर हत्या एवं सबूत मिटाने का केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है। हत्या के अन्य तीन आरोपियों की भूमिका न होने पर रिहा कर दिया गया है।