बर्थडे स्पेशल 6 फरवरी: 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत रचकर प्रदीप ने लोगों के रोम-रोम में भर दी देशभक्ति
बर्थडे स्पेशल 6 फरवरी: 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत रचकर प्रदीप ने लोगों के रोम-रोम में भर दी देशभक्ति
देश में यूं तो कई कवि और गीतकार हुए हैं लेकिन कवि प्रदीप उन महान शख्सियों में शामिल हैं जिनके लिखे गीतों ने देशवासियों में नया जोश और जज्बा भर दिया। देशभक्ति से भरपूर गीत ' 'ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आंख में भर लो पानी' के रचयिता कवि प्रदीप की आज जयंती है।
कवि प्रदीप का जन्म 6 फरवरी, 1915 को हुआ था। उनका पूरा नाम रामचरण द्विवेदी था।उन्हें बचपन से ही हिंदी कविता लिखने का शौक था। कवि प्रदीप ने अपने करियर में लगभग 1700 गाने लिखे। साल 1940 में आई फिल्म चलन में चल चल रे नौजवान जैसा हिट गाना भी कवि प्रदीप ने लिखा था। उन्होंने 'दे दी हमें आजादी गीत' लिखा था जो काफी हिट हुआ था लिखने के अलावा प्रदीप को गाने का भी शौक था उन्होंने फिल्म ‘जागृति’ के ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की', कितना बदल गया इंसान(नास्तिक) जैसे भी कई फ़िल्मी गीत गाये हैं।
कवि प्रदीप के बारे में कहा जाता है कि जब 1943 में आई फिल्म ‘किस्मत’ में उनके लिखे गीत ‘दूर हटो ऐ दुनियावालों..’ इतना महशूर हुआ कि ब्रिटिश सरकार ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। जिसके चलते उन्हें अंडरग्राउंड होना पड़ा था।
प्रदीप को उनके लिखे देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ के लिए खास तौर पर जाना जाता है। 26 जनवरी 1963 को स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने दिल्ली के रामलीला मैदान में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में जब ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया था तो इस गीत को सुनकर हर किसी की आंख नम हो गई थी। इस गीत को लिखने वाले कोई और नहीं बल्कि प्रदीप ही थे । साल 1997 में कवि प्रदीप को सिनेमा में भारत के सर्वोच्च पुरस्कार, लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 11 दिसंबर 1998 को कवि प्रदीप का निधन हो गया था । वे बेशक आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके गीत आज भी अमर हैं और हम सबमें देशभक्ति का जज्बा जगाते हैं।