यूपी में 15 करोड़ लाभार्थियों को दो साल में मिला 200 लाख मीट्रिक टन मुफ्त अनाज
कोरोना काल में मुफ्त राशन वितरण कर गरीबों का सहारा बनी सरकार

लखनऊ, 19 मई । हर गरीब एवं जरूरतमंद को मुफ्त राशन देने के वादे पर भाजपा की डबल इंजन सरकार खरी उतरी है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना काल के दौरान शुरू हुए राशन वितरण में प्रदेश ने अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कुल 200 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित कर रिकार्ड कायम किया है।
राज्य सरकार कोरोना काल में गरीब और बेसहारा लोगों का बड़ा संबल बनी। जनता को बड़ी राहत देते हुए योगी सरकार ने 80 हजार कोटेदारों के माध्यम से राशन वितरण कर गरीबों तक राशन पहुंचाने का काम किया है। योगी सरकार-02 बनते ही मुफ्त राशन योजना को तीन महीने और बढ़ाने के फैसले ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गरीबों के प्रति सेवा एवं समर्पण भाव को दिखाया है। फ्री राशन योजना के तहत 35 किलो राशन और इसके साथ दाल, चीनी, खाद्य तेल, नमक जैसी खाद्य वस्तुओं को लाभार्थी परिवारों को दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फिलहाल पांचवें चरण में राशन वितरण किया जा रहा है।
प्रदेश में समस्त अन्त्योदय कार्डों, पात्र गृहस्थी के उन कार्डधारकों को जो मनरेगा श्रम विभाग एवं नगर निकाय में पंजीकृत मजदूर थे, उनको राज्य सरकार द्वारा अप्रैल से जून, 2020 के बीच 195 करोड़ के आठ लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण कराया गया। वहीं आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासी, अवरुद्ध प्रवासी मजदूरों को कुल 12 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न एवं 1100 मीट्रिक टन चना का निःशुल्क वितरण किया गया। इसके अलावा पीएमजीकेएवाई योजना के तहत वर्ष 2020 से मार्च 2022 तक कुल 134 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया गया। सभी प्रकार के कार्डधारकों को जून 2021 से अगस्त 2021 के मध्य राज्य सरकार द्वारा 564 करोड़ रुपये का 23 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया गया।
राज्य शासन के एक अधिकारी ने बताया कि दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक कुल 18.71 लाख मीट्रिक टन गेहूं, 12.75 लाख मीट्रिक टन चावल और 1.35 लाख मीट्रिक टन साबुत चना, रिफाइंड सोयाबीन ऑयल एवं आयोडाइज्ड नमक (प्रत्येक सामग्री - 1.35 लाख मीट्रिक टन) का निःशुल्क वितरण किया गया, जिसका मूल्य 3800 करोड़ रुपये होता है।