प्रधानमंत्री के सपनों की जमीन तैयार करेगी युवा संवाद यात्रा : योगेश शुक्ल
विकसित भारत के सपनों की प्रेरणा से प्रेरित पंच प्रण से जुड़ी यात्रा
प्रयागराज, 30 जुलाई। भाजपा नेता एवं वरिष्ठ समाजसेवी योगेश शुक्ल 15 अगस्त से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंच प्रण के संदर्भ में प्रयागराज जनपद में युवा संवाद यात्रा करेंगे। यह यात्रा प्रधानमंत्री के विकसित व अखण्ड भारत के उस सोच से जुड़ी है, जिसकी परिकल्पना उन्होंने लाल किला की प्राचीर और विभिन्न मंचों पर अपने विचारों के जरिए व्यक्त की है। यात्रा जनपद के दो हजार गांवों, कस्बों और शहर के वार्डों से होकर गुजरेगी।
यह जानकारी देते हुए भाजपा नेता योगेश शुक्ल के प्रतिनिधि विनय कुमार ने रविवार को बताया कि पिछले 15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर लाल किले से देश को सम्बोधित कर रहे थे। उस वक्त उन्होंने पंच प्रण का संदेश देते हुए कहा था कि 2047 में जब हमारा देश अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे कर रहा होगा, तब भारत एक विकसित देश के रूप में आज़ादी का जश्न मनाएगा। उन्होने बताया कि इस यात्रा का विचार योगेश शुक्ल के मन में काफी दिनों से है लेकिन सही वक्त का इंतजार था। श्री शुक्ल नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपनों की प्रेरणा से पंच प्रण यात्रा प्रारम्भ करेंगे।
विनय कुमार ने बताया कि योगेश शुक्ल का मानना है कि प्रधानमंत्री के पंच प्रण (विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता, नागरिकों का कर्तव्य) भारत को एक महान राष्ट्र बनाने का मंत्र है। इस मंत्र को वैचारिक और व्यावहारिक रूपों में प्रत्येक नागरिक को सिद्ध करना होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन को समर्पित, पार्टी नेता योगेश शुक्ल की यह यात्रा पूरे जनपद के सभी तहसीलों-ब्लॉको के 1500 से अधिक ग्राम पंचायतों, 2000 से अधिक गांवों, कस्बों तथा शहर के सभी वार्डों तक जाएगी।
इस यात्रा के माध्यम से योगेश शुक्ल युवाओं से पंच प्रण के वैचारिक एवं व्यावहारिक स्वरूप पर चर्चा और संवाद करेंगे तथा युवाओं को पंच प्रण का प्रत्यक्ष रूप से संकल्प भी करायेंगे। उनकी यह यात्रा यहीं नहीं रुकेगी, बल्कि इस यात्रा के दौरान विकसित भारत के सपनों के अनुरूप प्रत्येक गांव और कस्बे के समग्र विकास की संकल्पना और अंततः कार्य योजना भी बनती जाएगी। महीनों चलने वाली इस यात्रा में 16 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के युवाओं से सीधे संवाद पर जोर होगा।