नारी ही परिवार व समाज की केन्द्र बिन्दु : डॉ अनिल यादव

नारी ही परिवार व समाज की केन्द्र बिन्दु : डॉ अनिल यादव

नारी ही परिवार व समाज की केन्द्र बिन्दु : डॉ अनिल यादव

प्रयागराज, 15 अप्रैल (हि.स.)। ठा. हर नारायण सिंह डिग्री कॉलेज, करैलाबाग, में मंगलवार को प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग द्वारा ’प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत तक महिलाओं की स्थिति पर व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पट्टी प्रतापगढ़ के सहायक आचार्य डॉ. अनिल यादव ने कहा कि नारी ही परिवार एवं समाज की केन्द्र बिन्दु है।

महाविद्यालय के प्राचार्य तथा मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। डॉ. अनिल यादव ने प्राचीन भारत में पाषाण युग से लेकर आधुनिक काल तक महिलाओं की स्थिति पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार महिलाओं ने कृषि का विकास किया। उन्होंने अपाला, घोषा, सिक्ता, निवारी से प्रारम्भ करते हुए महाप्रजादि, गौतमी, आम्रपाली, कुमारदेवी, रुद्रदामा, रजिया सुल्तान, गुलबदन बेगम, दुर्गावती आदि का वर्णन करते हुए कहा कि 1857 के विद्रोह में स्त्री-पुरुष ने कन्धे से कन्धा मिलाकर विद्रोह का नेतृत्व किया। फिर स्वतन्त्रता आन्दोलन में स्त्रियों की भूमिका का वर्णन करते हुए एनी बेसेन्ट, मैडम भीमाजी कामा. सरोजनी नायडू आदि का वर्णन किया। भारतीय संविधान की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि संविधान के कुछ विशेष प्रावधानों को छोड़कर संविधान स्त्री-पुरुष को समान अधिकार प्रदान करता है। वर्तमान समय में महिलाओं की स्थिति का वर्णन करते हुए इंदिरा गांधी, द्रौपदी मुर्मू, कल्पना चावला, किरण बेदी, सुनीता विलियम्स की समाज में उनकी भूमिका का वर्णन किया।प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गोविन्द राव ने एक श्लोक के माध्यम से महिलाओं के स्थिति का वर्णन किया ’यन्त्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहां महिलाओं की पूजा होती है वहां देवता निवास करते है। संदीप कुमार सिंह विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास ने एक श्लोक के माध्यम से महिलाओं की स्थिति को उजागर किया। जिस तरह देवता को मन्दिर के गर्भगृह में स्थापित करके पूजा की जाती है, उसी प्रकार स्त्रियों को पूजनीय बताकर घर के चहारदीवारी रूपी गर्भगृह में कैद कर दिया गया है और वे स्त्रियां जो कन्धे से कन्धा मिलाकर चलती थीं, धीरे-धीरे सामाजिक दौड़ में पिछड़ती गयी। कार्यक्रम का संचालन विवेक कुमार मिश्र सहायक आचार्य प्राचीन भारतीय इतिहास ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ जितेन्द्र वर्मा सहायक आचार्य प्राचीन भारतीय इतिहास ने किया। इस अवसर पर डॉ. एसआईएच जाफरी उप प्राचार्य ठा. हर नारायण सिंह डिग्री कॉलेज, डॉ. पूजा ठाकुर, डॉ. आरती जायसवाल व आई बी सिंह कार्यालय अधीक्षक एवं लगभग 400 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।