संत समाज से है महाकुंभ की भव्यता-दिव्यता: मुख्यमंत्री
महाकुंभ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा: योगी
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प्रयागराज, 07 दिसम्बर । महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है, सरकार और प्रशासन तो बस आयोजन के सहयोगी है। वैश्विक पटल पर यदि सनातन संस्कृति गौरवान्वित हो रही है तो यह संतों की कृपा से ही हो पा रहा है। यह बात शनिवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण के कैंप कार्यालय में अखाड़ों के संतों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं संतों के आशीर्वाद से है। इसलिए इस बार भी पूज्य संतगण मेला प्रशासन के अधिकारियों को अपना मार्गदर्शन प्रदान करते रहें। मुख्यमंत्री योगी ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संत समाज के साथ संवाद किया। इस संवाद कार्यक्रम में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति रहे। प्रयागराज के एक दिनी दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने संत समाज का आह्वान करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी का प्रयागराज आगमन प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री संगम पूजन करेंगे, साथ ही स्वच्छ-सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए हजारों करोड़ की परियोजनाओं को लोकार्पित करेंगे। इस विशेष अवसर पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की गौरवपूर्ण उपस्थिति प्रार्थनीय है। संत समाज ने समवेत स्वर से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए अपनी सहमति जताई।
गंगा जी का पानी देर से उतरने के कारण कार्य प्रभावित होना स्वाभाविक
उन्होंने संतों के साथ महाकुंभ की तैयारियों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस वर्ष गंगा जी का पानी देर से उतरने के कारण कुछ कार्य प्रभावित हुए हैं, लेकिन संत समाज की हर जिज्ञासा, हर अपेक्षा को पूरा करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। पावन त्रिवेणी संगम में स्नान की अभिलाषा लिए महाकुंभ आने वाले हर संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे। पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज का उत्कर्ष संभव है। महाकुंभ-2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य हो, इसके लिए सभी को योगदान करना होगा। संतों की कृपा और प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज पूरी दुनिया अयोध्या, वाराणसी और ब्रजधाम के नए स्वरूप का दर्शन कर रही है।
संतो ने कहा योगी पहले मुख्यमंत्री है जो सीधा करते है संवाद
संगम तट पर मुख्यमंत्री के साथ आयोजित संवाद में सभी 13 अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के साधु-संतों, आचार्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्म ध्वज के रक्षक हैं। उनके नेतृत्व में आज सनातन समाज गौरवान्वित हो रहा है। संतों ने कहा कि योगी पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुंभ के विषय में साधु-संतों, आचार्यों से इस तरह से सीधे संवाद कर रहे हैं और उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुनकर लिपिबद्ध कर रहे हैं। साधु-संतों, आचार्यों के लिए यह अवसर संतोषप्रद है। संत गणों ने महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर संतुष्टि जताई। साथ ही कहा कि मेला क्षेत्र में चल रही तैयारियों को देखकर यह साफ हो जाता है कि महाकुंभ-2025 प्रयागराज में पूर्व में हुए सभी कुम्भ/महाकुम्भ से भव्य एवं दिव्य होगा। संत समाज ने भूमि आवंटन, शिविर के लोकेशन, धूल, जाम, स्वच्छता, घाटों के नामकरण, सहायता राशि आदि के संबंध में अपनी-अपनी जिज्ञासाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, जिस पर मुख्यमंत्री ने यथोचित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।