गांव सभा की तालाब भूमि पर बनी मस्जिद को गिराने के आदेश पर रोक
गांव सभा की तालाब भूमि पर बनी मस्जिद को गिराने के आदेश पर रोक

प्रयागराज, 18 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर की एक गांव सभा मलवा के तालाब भूमि पर अतिक्रमण कर बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से याचिका पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।
याचिका की अगली सुनवाई 23 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की एकलपीठ ने वक्फ सुन्नी मदीना मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष हैदर अली की याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि उप्र राजस्व संहिता की धारा 67 की कार्यवाही की गई और नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया। इसके खिलाफ अपील भी खारिज हो गई। जिस पर यह याचिका दायर की गई है।
याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि धारा 67 के तहत केस की कार्यवाही 26 दिन में पूरी कर ली गई। याची को साक्ष्य पेश करने व सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। याची की आपत्ति पर विचार नहीं किया गया। ऋषिपाल केस के फैसले के विपरीत 22 अगस्त 24 को ध्वस्तीकरण का मनमाना आदेश दिया गया है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना।
याची का कहना है कि 1976 में ग्राम सभा मलवा द्वारा दी गई तीन बिस्वा जमीन पर मस्जिद बनी हुई है। जिसे अब तालाब की भूमि बताया जा रहा है। इसी जमीन के एक हिस्से में 6-7 अन्य लोग काबिज हैं, जिन्हें 2021 में हटाने का आदेश हुआ है। अब तक उस आदेश पर कोई अमल नहीं हुआ है। जबकि जिस जमीन पर मस्जिद बनी हुई है, 26 दिन में सभी कार्यवाही पूरी कर ली गई।
तहसीलदार ने तालाब की जमीन बताते हुए नोटिस जारी किया था और आदेश पारित किया। इसके खिलाफ डीएम फतेहपुर के समक्ष मस्जिद कमेटी ने अपील दाखिल की। डीएम ने ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी। डीएम के ध्वस्तीकरण आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।