जनसम्पर्क की शुरुआत ही सत्य के आधार पर होती है : डॉ अमित मालवीय
जनसम्पर्क की शुरुआत ही सत्य के आधार पर होती है : डॉ अमित मालवीय

-जनसम्पर्क का मूलमंत्र ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः’ :प्रो अखिलेश दूबे-हिन्दी विश्वविद्यालय में महाकुम्भ प्रबंधन में ’राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस’ पर विशेष व्याख्यान
प्रयागराज, 22 अप्रैल (हि.स.)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के प्रयागराज केन्द्र पर महाकुम्भ 2025 के प्रबंधन में जनसम्पर्क की भूमिका विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अमित मालवीय ने कहा कि जनसम्पर्क की शुरुआत ही सत्य के आधार पर होती है। विभिन्न माध्यमों से मिली जनता की आवश्यकताओं और उनसे सम्बंधित सूचनाओं को प्रशासन तक पहुंचाना ही जनसम्पर्क विभाग का कार्य है।
यह कार्यक्रम मंगलवार की सायं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा की प्रेरणा से किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. अमित मालवीय ने कहा कि महाकुम्भ आयोजन के दौरान सुगम गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा, विकास परियोजनाएं शुरू की गईं थीं। तीर्थयात्रियों की आवाजाही को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए सड़क नेटवर्क विस्तार, पैदल यात्री अनुकूल क्षेत्रों और अस्थायी पुलों की ओर निवेश किया गया। महाकुम्भ केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक परिघटना है। इस अवसर पर लाखों तीर्थयात्रियों, संतों, योगियों और आगंतुकों का आगमन होता है, जो भारत की धार्मिक-सांस्कृतिक विविधता का एक सूक्ष्म रूप प्रस्तुत करता है।
उन्होंने आगे कहा कि 2025 के महाकुम्भ को प्रौद्योगिकी के उच्च स्तर के उपयोग के कारण “डिजिटल महाकुम्भ“ नाम दिया गया था। वास्तविक समय में गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे और अंडरवाटर ड्रोन तैनात किए गए थे। कुम्भ ऐप पर ए-आई संचालित भीड़ प्रबंधन प्रणाली और बहुभाषी चैटबॉट ने तीर्थयात्रियों को सहायता प्रदान की। भारतीय रेलवे कहती है कि हम पर विश्वास रखिए कि हम आपके प्रहरी की तरह आपके गंतव्य तक आपको पहुंचाएंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज के अकादमिक निदेशक प्रोफेसर अखिलेश दुबे ने कहा कि जनसम्पर्क का महत्व हम सबके जीवन में है। हम लोग भी किसी न किसी रूप में जनसम्पर्क करते हैं। उन्होंने कहा कि जनसम्पर्क का मूलमंत्र ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः है’। स्वागत वक्तव्य स्त्री अध्ययन विभाग की सह आचार्य डॉ. सुप्रिया पाठक ने दिया। केंद्र के अकादमिक निदेशक ने अतिथि को विश्वविद्यालय का स्मृति चिन्ह, शॉल और सूत की माला देकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के डॉ. अख्तर आलम एवं आभार ज्ञापन सह-आचार्य डॉ. आशा मिश्रा ने किया।
इस अवसर पर डॉ. हरप्रीत कौर, डॉ. मिथिलेश कुमार तिवारी, डॉ. यशार्थ मंजुल, डॉ सत्यवीर, डॉ विजया सिंह, डॉ. सुरभि विप्लव, जयेन्द्र जायसवाल, सुभाष श्रीवास्तव, राहुल त्रिपाठी, रश्मि सिंह, प्रत्यूष शुक्ल, गीता देवी, देवमूर्ति द्विवेदी, बिरजू प्रसाद, जगजीवन राम प्रजापति, रोहित कुमार, अभिषेक चंद्रा, पीतांबर गौतम, उमेश शर्मा, दीपेश कुमार सहित अनेक शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।