अधिकारी 30 दिनों के अंदर सूचना अवश्य उपलब्ध कराएं:राज्य सूचना आयुक्त
अधिकारी 30 दिनों के अंदर सूचना अवश्य उपलब्ध कराएं:राज्य सूचना आयुक्त

वाराणसी, 26 अप्रैल(हि.स.)। राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश ने शनिवार को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लंबित वादों के निस्तारण के लिए यहां समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहाँ आयोग के समक्ष सीधे ऑनलाइन अपील व शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। सर्किट हाउस, वाराणसी में जिले के जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देने के साथ आयोग स्तर पर पुराने लंबित वादों के निस्तारण में तेजी लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर जागरूकता की कमी के चलते कई वाद अभी भी लंबित हैं। इससे जनता के मन में संशय उत्पन्न होता है, जिसे दूर करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वादों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें और बिना किसी अनावश्यक विलंब के 30 दिनों के भीतर वादी को सूचना उपलब्ध कराएं।
—प्रमुख निर्देश और सुझाव
राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश ने कहा कि सूचना का अधिकार, जनता का अधिकार है और अधिकारियों का कर्तव्य है कि संविधान की भावना के अनुरूप समय पर सूचना उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि जनसूचना अधिकारी वादी को सकारात्मक दृष्टिकोण से सूचना उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहें। किसी भी सूचना का निस्तारण सद्भावना एवं पारदर्शिता के साथ किया जाए। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 एवं उत्तर प्रदेश सूचना अधिकार नियमावली-2015 एवं संशोधन नियमावली-2019 का पूर्ण अध्ययन कर उसकी समुचित जानकारी रखें। उन्होंने कहा कि अपील एवं शिकायत के अंतर को समझें तथा प्राथमिक स्तर पर ही वादों का समाधान करें। सेक्शन 4(1)(B), 8 व 9 के प्रावधानों की जानकारी रखते हुए उनके अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में जनसूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों की स्पष्ट नेमप्लेट अनिवार्य रूप से लगाई जाए। अगर मांगी गई सूचना अन्य विभाग से संबंधित हो, तो उसका स्पष्ट उल्लेख करते हुए समय से संबंधित विभाग को स्थानांतरित करें। यदि कोई सूचना देने से इंकार करना आवश्यक हो, तो उसका कारण स्पष्ट रूप से सूचित करें।
राज्य सूचना आयुक्त ने यह भी कहा कि जब कोई गरीब या असहाय व्यक्ति सूचना आयोग तक पहुंचता है, तो जनपद स्तर पर उसकी सुनवाई न होना गंभीर चिंता का विषय है। अतः अधिकारियों को चाहिए कि वादी के स्थान पर स्वयं को रखकर विचार करें और संवेदनशीलता के साथ सूचना प्रदान करें।
—सूचना प्रबंधन
सभी जनसूचना अधिकारी एक पृथक पंजिका में प्राप्त सूचनाओं, उनके विषय, प्राप्ति तिथि तथा निस्तारण की स्थिति का व्यवस्थित अभिलेख रखें, ताकि आवश्यकतानुसार उसका त्वरित संज्ञान लिया जा सके। बैठक में विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी एवं जनसूचना अधिकारी उपस्थित रहे।