गन्ना निरीक्षकों को मिले अधिक भुगतान की वसूली पर रोक

गन्ना निरीक्षकों को मिले अधिक भुगतान की वसूली पर रोक

गन्ना निरीक्षकों को मिले अधिक भुगतान की वसूली पर रोक

प्रयागराज, 10 नवम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गन्ना विभाग में कार्यरत गन्ना निरीक्षकों को गलत वेतन निर्धारण के कारण किए गए अधिक भुगतान की वसूली पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

महिपाल सिंह व अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने दिया। याचीगण का कहना था कि उनकी नियुक्ति स्टैटिक प्रोजेक्ट में गन्ना विकास निरीक्षक के पद पर की गई थी। बाद में इनको गन्ना विकास विभाग में समायोजित कर लिया गया। कहा गया कि पूर्व में की गई सेवा भी वर्तमान सेवा में जोड़ी जाएगी। उनको पुनरीक्षित वेतनमान अप्रैल 2001 से दिया जा रहा है। 25 मई 2017 को गन्ना आयुक्त ने याचीगण को 24 वर्ष की सेवा पूरी होने पर द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया।
मगर 5 अप्रैल 2021 को अपने ही आदेश को गन्ना आयुक्त ने रद्द कर दिया। और अब अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली की जा रही है। कहा गया कि वेतन निर्धारण में याचीगण की कोई भूमिका नहीं है। यह विभाग द्वारा ही किया गया है। इसलिए उनसे वसूली किया जाना गलत है। कोर्ट ने वसूली प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।