उप्र में अप्रैल से जून तक प्रचंड गर्मी रहने की संभावना
उप्र में अप्रैल से जून तक प्रचंड गर्मी रहने की संभावना
अगले कुछ दिनों में देश में मौसम का मिजाज बदलता दिख सकता है। अगले तीन महीने भीषण गर्मी अपना कहर दिखा सकती है। भारत मौसम विभाग की मानें तो अप्रैल से लेकर जून तक गर्मी सताने वाली होगी। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार प्री मानसून का दौर छोटा और कम रहेगा। इसका कारण अल नीनो बताया जा रहा है। अनुमान है कि अगले तीन महीनों में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा सकता है। यानी अप्रैल, मई और जून में हीटवेव का दौर रहेगा। यह बातें रविवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।
उन्होंने देशभर में बनी मौसमी गतिविधियों को लेकर बताया कि अफगानिस्तान और उससे सटे पाकिस्तान पर समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला चक्रवात परिसंचरण कम चिह्नित हो गया है। मध्य क्षोभमंडल स्तर पर पश्चिमी विक्षोभ, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है, लगभग 70 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ 30 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में चल रही है। प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण उत्तर पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर है। छत्तीसगढ़ और आसपास के निचले स्तर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा आंतरिक तमिलनाडु से आंतरिक कर्नाटक और विदर्भ होते हुए छत्तीसगढ़ पर चक्रवाती परिसंचरण तक फैली हुई है। एक चक्रवाती परिसंचरण उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल पर 1.5 किलोमीटर तक फैला हुआ है। ताजा पश्चिमी विक्षोभ के तीन अप्रैल से हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। लेकिन इसका खास असर उत्तर प्रदेश में नहीं रहेगा।
बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 37.6 और न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 71 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 22 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं दक्षिण पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 3.4 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों मे हल्के से मध्यम बादल छाये रहने के आसार हैं किन्तु वर्षा की कोई संभावना नहीं है। तापमान बढ़ने के साथ गर्मी भी बढ़ेगी। हवाओं की गति औसत से अधिक रहने की संभावना है।