अपहरण कर दुराचार के आरोपी की जमानत खारिज

अपहरण कर दुराचार के आरोपी की जमानत खारिज

अपहरण कर दुराचार के आरोपी की जमानत खारिज

प्रयागराज, 02 सितम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि घर में आने-जाने वाले अधेड़ व्यक्ति द्वारा नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुराचार की घटना समाज में भरोसा और विश्वास कम कर नुकसान पहुंचाने वाली है। दुराचारी ने न केवल व्यक्तिगत अखंडता का हनन किया वरन पूरे परिवार की आत्मा को आघात पहुंचाया है। पीड़िता अपराध में सहभागी नहीं होती, बल्कि कामुक वासना का शिकार होती है। केस का विचारण चल रहा है। ऐसे में उसके बयानों पर ध्यान देना ठीक नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि दुराचार पीड़िता ही नहीं पूरे समाज के विरुद्ध अपराध है। कोर्ट को विधिक पैरामीटर में इसका जवाब देना चाहिए। कोर्ट ने परिवार में आने-जाने वाले अधेड़ का नाबालिग लड़की का अपहरण कर एक माह तक जबरन साथ रख दुराचार के आरोप की घटना को गम्भीरता से लेते हुए जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है और जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने जाफरगंज फतेहपुर के भूतनाथ की अर्जी पर दिया है। पीड़िता के पिता ने एक जून 19 को शाम 4 बजे शौच के लिए गई नाबालिग लड़की के वापस न आने पर अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने एक माह बाद गुजरात के जामनगर से आरोपी के साथ पीड़िता को बरामद किया।

लड़की के पुलिस व कोर्ट में दिए बयान में भिन्नता को लेकर याची ने प्रेम सम्बंध के आधार पर जमानत पर रिहा करने की मांग की। लड़की ने पुलिस से कहा उसे जबरन ले गए और दुराचार किया। मजिस्ट्रेट के सामने कहा दवा दी बेहोशी हालत में ले गए और दुराचार किया। याची का परिवार में आना जाना था। सहमति से उनका सम्बंध बना। मेडिकल जांच रिपोर्ट में पीड़िता को लगभग 18 साल बताया गया है।