बड़ा मंगल 17 को, हनुमान मंदिरों में दर्शन-पूजन की तैयारियां पूरी
बड़े मंगल पर अलीगंज स्थित नए हनुमान मंदिर की महिमा है खास
लखनऊ, 16 मई। भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी की बसाई लखनपुरी मंगलवार को प्रभु के भक्त हनुमान जी की जय जयकार से गूंज उठेगी। यह हिन्दी के जेठ महीने का पहला बड़ा मंगल होगा। जेठ के बड़े मंगलों पर यहां हनुमान जी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। बड़े मंगल की पूजा के लेकर मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकानें भी सज गई। इसके अलावा मेले में आए दुकानदारों का सामान भी सड़क पर रखा था। वहीं भंडारे और प्याऊ की व्यवस्था भी लोग कर रहे थे।
जेठ के बड़े मंगल पर विशेषतौर पर अलीगंज स्थित नए हनुमान मंदिर की बड़ी महिमा हैं। यहां खास तैयारियां की गई है। इसके अलावा शहर के हनुमान सेतु मंदिर, पुराना हनुमान मंदिर, अमीनाबाद का हनुमान मंदिर, छाछी कुआं का हनुमान, गुलाचीन मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी तैयारियां की गई हैं। कोरोना महामारी के कारण दो साल जेठ के मंगलों पर राजधानी में मचेगी।
महिलाओं और पुरुषों के लिए है अलग-अलग व्यवस्था
अलीगंज स्थित नए हनुमान मंदिर में मुख्यद्वार से बैरीकेडिंग लगाकर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। मंदिर में दर्शन के लिए आए भक्तों के लिए मंदिर के बाहर बारादरी में बैठने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भंडारे का इंतजाम भी किया जा रहा था। पाने की पीने की व्यवस्था भी गई है। इस अवसर पर मंदिर को बिजली की झालरों से सजाया गया है। मंदिर के गर्भग्रह को फूलों से सजाया गया है। हनुमान जी का भी भव्य शृंगार किया है। इसके अलावा सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। भक्तों को धूप से बचाव के लिए पर्दे लगाए गए हैं।
सज गई प्रसाद की दुकानें
मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकानें भी सज गई है। बूंदी के लड्डू तीन सौ रुपये किलो, बेसन के 240 रुपये और देशी घी के लड्डू चार सौ रुपये किलो के भाव से मिल रह रहे हैं।
मेले की हो रही है तैयारियां
अलीगंज नए हनुमान मंदिर के बार कपूरथला चौराहे को जाने वाली सड़क पर मेले में दुकान लगाने आए दुकानदारों के सामान रखा हुआ था। टूंडला से फ्लावर और खिलौने लेकर आए दुकानदारों ने बताया कि कोरोना के कारण पुलिस प्रशासन दुकान लगाने की अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि दो साल बाद बड़े मंगल पर यहां आए हैं। दो साल से तो आ ही नहीं रहे थे। अब हनुमान बाबा चाहेंगे तो दुकानें लगेंगी। मंदिर के आस-पास चहल बढ़ गई है।