एनटीपीसी ऊंचाहार ने कोयला संकट के बीच बढ़ाया उत्पादन

डीआरएम ने किया निरीक्षण

एनटीपीसी ऊंचाहार ने कोयला संकट के बीच बढ़ाया उत्पादन

रायबरेली, 30 अप्रैल। देशभर के पॉवर प्लांट में कोयले की कमी के बीच एनटीपीसी की ऊंचाहार परियोजना ने उत्पादन बढ़ाया है, हालांकि यह संकट यहां कभी भी खड़ा हो सकता है। जानकारी के अनुसार केवल दो दिन का ही कोयला प्लांट में उपलब्ध है। अब इससे निपटने के लिए अधिकारी सक्रिय हो गए हैं और बैठकों का दौर चल रहा है। इस बीच शनिवार को रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एस के सपरा ने कोयला परिवहन को लेकर निरीक्षण किया है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में एनटीपीसी ऊंचाहार की कुल छह इकाइयों में से पांच इकाइयों में पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। जबकि 210 मेगावाट क्षमता की एक नंबर यूनिट को बंद करके उसमें मरम्मत का काम किया जा रहा है। बिजली संकट के बीच उत्पादन बढ़ाकर ऊंचाहार परियोजना ने संकट से उबरने में मदद जरूर की है और परियोजना को 1200 मेगावाट से अधिक भार पर चलाया जा रहा है।हालांकि कोयला को लेकर ऊंचाहार में भी संकट पैदा हो गया है। ऊंचाहार परियोजना में इस समय मात्र दो दिन के लिए कोयला का भंडारण है। जबकि रोज आने वाले कोयला केवल एक दिन ही चल पा रहा है। इन तमाम स्थितियों के बीच मंडल रेल प्रबंधक ऊंचाहार परियोजना पहुंचे हैं। उन्होंने रेल माल गाड़ियों से आने वाले कोयला को खाली करने की व्यवस्था का जायजा लिया है। डीआरएम ने एनटीपीसी के कोल हैंडलिंग प्लांट का निरीक्षण किया। उनका विशेष जोर इस बात पर था कि मालगाड़ियों को जल्द से जल्द यहां खाली कर दिया जाए। जिससे उन्हें वापस भेजा जा सके। इसके लिए उन्होंने बैगन ट्रिपलर का निरीक्षण किया है।

एनटीपीसी में इस समय करीब आठ मालगाड़ियां कोयले की आपूर्ति लेकर आ रही हैं। जिसमें छह मालगाड़ियां झारखंड से घरेलू कोयला लेकर आती है, जबकि औसतन दो मालगाड़ियां विदेशी कोयले की आपूर्ति लेकर आ रही है। विदेशी कोयले की आपूर्ति अडानी ग्रुप कर रहा है। इस प्रकार से करीब 28 हजार मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति रोज हो रही है। उधर 28 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत भी रोज हो रही है। इसके अलावा एनटीपीसी के भंडारण में करीब साठ हजार मीट्रिक टन कोयला है। जो करीब दो दिन के लिए ही है। जबकि कोयला का भंडारण करीब पंद्रह से बीस दिन के लिए किया जाता रहा है। कोयला संकट के बाद एनटीपीसी का कोयला भंडारण घटा है।

एनटीपीसी की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा का दावा है कि ऊंचाहार में कोयले की कमी नहीं है, प्रतिदिन पर्याप्त कोयले की आपूर्ति मिल रही है।