माघ मेला में विशेष अनुष्ठान की पूर्णाहुति के बाद अब भारत यात्रा के अगले पड़ाव पर शंकरचार्य

माघ मेला में विशेष अनुष्ठान की पूर्णाहुति के बाद अब भारत यात्रा के अगले पड़ाव पर शंकरचार्य

माघ मेला में विशेष अनुष्ठान की पूर्णाहुति के बाद अब भारत यात्रा के अगले पड़ाव पर शंकरचार्य

प्रयागराज, 17 फरवरी। तीर्थराज प्रयाग में विशेष अनुष्ठान सम्पन्न करने के बाद पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकरचार्य अधोक्षजानंद देव तीर्थ भारत यात्रा के अगले पड़ाव के लिए संगम नगरी से जगन्नाथ पुरी उड़ीसा को आज प्रस्थान कर गये। इससे पहले माघ मेला स्थित अपने शिविर में शंकराचार्य ने मकर संक्रांति से चल रहे विशेष याज्ञिक अनुष्ठान की पूर्णहुति की और आज साधु-संतों व दंडी संन्यासियों की विधि विधान से विदाई की।

देश की समृद्धि, विश्व शांति और कोरोना जैसी महामारी से दुनिया को मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से द्वादश ज्योतिर्लिंगों, देश के अन्य सिद्ध शिवालयों एवं शक्ति पीठों में विशेष आराधना सम्पन्न करने के लिए 20 नवम्बर 2021 से भारत यात्रा पर निकले जगद्गुरु शंकरचार्य अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने प्रयागराज माघ मेले में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर 14 जनवरी को विशेष याज्ञिक अनुष्ठान प्रारम्भ किया था। काशी, मथुरा और जगन्नाथ पुरी से आये वैदिक विद्वानों के आचार्यत्व में यह अनुष्ठान माघी पूर्णिमा के दिन अभिजित मुहूर्त में पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुआ। शंकराचार्य ने आज माघ मेले में कल्पवास कर रहे साधु-संतों और दंडी संन्यासियों का अपने शिविर में विशेष विदाई समारोह भी आयोजित किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी के सुखी एवं उज्जवल भविष्य की कामना की।

माघ मेला प्रवास के दौरान जगद्गुरु ने भारत यात्रा के क्रम में प्रयागराज स्थित शक्तिपीठ मां अलोपशंकरी का दर्शन पूजन किया। मान्यता है कि अलोपशंकरी में मां भगवती का दाहिना हाथ प्रतिष्ठित है। गुप्त नवरात्रि की नवमी पर विंध्याचल पर्वत में विराजमान शक्तिपीठ मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया था। वहां यज्ञ हवन का अनुष्ठान भी किया। मैहर की देवी का दर्शन करने भी वह गये थे।

पिछले दिनों वह माघ मेले से ही वाराणसी पहुंचे और वहां काशी विश्वनाथ एवं शक्तिपीठ विशालाक्षी देवी का दर्शन व पूजन किया। भारत यात्रा के क्रम में ही 13 से 15 फरवरी के बीच जगद्गुरु शंकराचार्य बिहार व झारखंड के तीन दिवसीय प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने बाबा बैजनाथ धाम समेत कई देवालयों और शिवालयों में दर्शन और पूजन किया। बिहार-झारखंड की यात्रा में दोनों राज्यों के कई जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों और श्रद्धालुओं ने जगद्गुरु का जगह-जगह जोरदार स्वागत कर उनका आशीर्वाद लिया।

शंकराचार्य अधोक्षजानंद देव तीर्थ जी महाराज ने 20 नवम्बर, 2021 को तीर्थगुरू पुष्कर में दर्शन पूजन के बाद अपनी भारत यात्रा प्रारम्भ की थी। वहां से साधु-संतों और विद्वानों की टोली के साथ जगद्गुरु शंकराचार्य ने गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत पहुंचकर प्रथम ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ महादेव, त्रयंबकेश्वर, भीमाशंकर, घृष्णेेश्वर, ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, परली बैजनाथ, श्रीशैलम, रामेश्वरम् और प्रसिद्ध शक्ति पीठ कामाख्या समेत विभिन्न देवालयों में दर्शन और पूजन किया।

जगद्गुरु शंकराचार्य की इस यात्रा को लेकर देश भर में लोगों में भारी उत्साह है। विभिन्न राज्यों के जनप्रतिनिधि, सरकार के मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और श्रद्धालु अपने प्रदेशों में उनकी भव्य आगवानी और जोरदार स्वागत कर रहे हैं। पूर्वोत्तर की यात्रा में तो असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सपत्नीक शंकराचार्य का अपने राज्य में स्वागत किया था।