प्रत्येक व्यक्ति 10 पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने में बने सहभागी : मौलाना अब्दुल्ला कासमी

जमीअत उलमा के वृक्षारोपण अभियान के दूसरे दिन विभिन्न स्थानों पर किया पौधरोपण

प्रत्येक व्यक्ति 10 पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने में बने सहभागी : मौलाना अब्दुल्ला कासमी
 कानपुर, 25 जून (हि.स.)। जमीअत उलमा कानपुर के तत्वाधान में नगर अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां की अध्यक्षता में 30 जून तक पूरे शहर में वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत जमीअत उलमा कानपुर के महासचिव मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासमी ने जमीअत उलमा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ जुमा की नमाज के बाद जामा मस्जिद अशरफाबाद जाजमऊ में पौधरोपण किया। 
 
मौलाना अब्दुल्लाह कासमी ने जुमा की नमाज से पूर्व वृक्षारोपण के सम्बन्ध में उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि अंतिम नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दुनिया में रहमत बनकर आये, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पाकीला शिक्षाएं (तालीमात) दीन और दुनिया की कामयाबी की जामिन (गारंटर) हैं। इस्लामी (तालीमात) शिक्षाओं पर अमल इंसान को दोनों जहानों का सुकून अता करता है। इस्लाम साफा—सफाई पर जोर देता है, ताकि निजासत और गंदगी के कारण माहौल (पर्यावरण) आलूदा (प्रदूषित) होने से सुरक्षित रहें और आब—ओ—हवा मुतास्सिर (प्रभावित) ना हो। आलूदगी (प्रदूषण) सेहत इंसानी के लिए बेहद मुजिर (नुकसानदेह) है। 
 
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने का एक तरीका पौधरोपण है। आज के दौर में हिफ्जाने सेहत (स्वास्थ्य की रक्षा) और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए शजरकारी(वृक्षारोपण) जरूरी हो गयी है, ऐसे में आप अगर दरख्त (वृक्ष) लगायेंगे तो यह पूरी इंसानियत ही नहीं बल्कि तमाम जीवों को इससे फायदा पहुंचेगा। शजरकारी (वृक्षारोपण) के फायदों से सभी वाकिफ हैं। आज पूरी दुनिया में लगातार वृक्षों की कम होती संख्या पर चिंता जताई जा रही है। शजरकारी (वृक्षारोपण) जहां इंसानी जरूरतों में काम आती है। वहीं इंसानी जिन्दगी और माहौलियात (पर्यावरण) के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। 
 
बताया कि इस्लाम ने बहुत पहले ही इंसानों को खबरदार कर दिया था कि सायेदार और फलदार वृक्षों को ना काटा जाए। इस्लाम ने शजरकारी (वृक्षारोपण) के लिए प्रोत्साहित किया है। इस अमल को सदका—ए—जारिया बताया गया है कि इसके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के अलावा जो भी फायदा उठायेगा, चिड़ियां या जानवर जो भी फल खायेंगे, मुसाफिर इसके साये में आराम करेंगे, उसका सबाब दरख्त लगाने वाले को मिलता रहेगा। इसलिए जमीअत उलमा कानपुर की तरफ से शजरकारी (वृक्षारोपण) की मुहिम पूरे शहर के लिए शुरू की गयी है। इसके तहत पूरे शहर में हजारों पौधे लगाये जायेंगे और विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जागरूक किया जायेगा।
 
मौलाना ने जमीअत उलमा कानपुर के समस्त जिम्मेदारों और प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह इस मुहिम को आगे बढ़ाकर कामयाब बनायें और कम से कम हर इंसान अपनी तरफ से 10-10 पौधे जरूर लगायें, इस तरह हजारों लाखों पौधे लग जायेंगे, यह इंसानियत की बेहतरीन खिदमत होगी।
पौधरोपण के दौरान मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासमी के साथ जामिया महमूदिया अशरफुल उलूम के उस्ताद मौलाना फरीदुद्दीन क़ासमी, मुफ्ती सऊद मुर्शिद क़ासमी, कारी बदरुज्जमां कुरैशी, मौलाना मुहम्मद शाहिद कासमी, कारी मुहम्मद हुजैफा महमूदी और महफूज आलम के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।