जन सूचना अधिकार अधिनियम: नागरिकों को सशक्त बनाने का माध्यम - पीएन द्विवेदी

जन सूचना अधिकार अधिनियम: नागरिकों को सशक्त बनाने का माध्यम - पीएन द्विवेदी

जन सूचना अधिकार अधिनियम: नागरिकों को सशक्त बनाने का माध्यम - पीएन द्विवेदी

चित्रकूट, 15 जून राज्य सूचना आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा लोक निर्माण विभाग डाक बंगला, चित्रकूट में जन सूचना अधिकार अधिनियम (RTI Act) के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में समाजसेवी, व्यापारी, मीडिया कर्मी और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्त, पीएन द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि संकट मोचन मंदिर, छतरपुर के महंत परमात्मा दास जी महाराज विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उपस्थित जनों ने राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत किया और उन्हें भगवान कामतानाथ जी का चित्र भेंट कर सम्मानित किया।

राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि जन सूचना अधिकार अधिनियम पारदर्शी शासन व्यवस्था स्थापित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करे, जिससे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखा जा सके और शासन व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि उनके क्षेत्र, गांव या मोहल्ले में चल रहे कार्यों की लागत क्या है और उनके निर्माण की गुणवत्ता कैसी होनी चाहिए। यदि किसी गड़बड़ी की आशंका होती है, तो नागरिक जन सूचना अधिकार के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को दंडित भी करवा सकते हैं।

जन सूचना अधिकार के तहत सूचना प्राप्त करने के लिए, आवेदक को ₹10 का पोस्टल ऑर्डर, नकद या बैंक ड्राफ्ट जन सूचना अधिकारी के पास जमा करना होता है। यदि कोई आवेदक अधिक पृष्ठों में सूचना मांगता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क देना होगा। जन सूचना अधिकारी को यह शुल्क 30 दिनों के भीतर आवेदक से मांगना होगा। यदि अधिकारी 30 दिनों के भीतर शुल्क की मांग नहीं करता है, तो उसे आवेदक को निशुल्क सूचना प्रदान करने का प्रावधान है।

राज्य सूचना आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि आयोग ने सूचना अधिकार की सुनवाई के लिए हाई-टेक व्यवस्था शुरू की है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन सूचना मांगी जा सकती है और सुनवाई भी ऑनलाइन हो सकती है। उन्होंने निष्कर्ष में कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम की जानकारी प्रत्येक नागरिक के लिए उपयोगी है और हर नागरिक को इसकी जानकारी होनी चाहिए।

कार्यशाला में व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, प्रदेश मंत्री ओम केशरवानी, महामंत्री गुलाब गुप्ता, प्रवीण यादव, महेश जायसवाल, संजय सिंह उर्फ बाबू भाई (मंडल उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन), सुरेश अनुरागी, सुभाष चंद्र मिश्र, राजकिशोर पाल आदि उपस्थित थे। कार्यशाला के संयोजक बीपी पटेल ने मुख्य अतिथि सहित सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इसके पश्चात राज्य सूचना आयुक्त ने भगवान कामतानाथ के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

चित्रकूट, 15 जून (हि.स.)। राज्य सूचना आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा लोक निर्माण विभाग डाक बंगला, चित्रकूट में जन सूचना अधिकार अधिनियम (RTI Act) के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में समाजसेवी, व्यापारी, मीडिया कर्मी और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्त, पीएन द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि संकट मोचन मंदिर, छतरपुर के महंत परमात्मा दास जी महाराज विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उपस्थित जनों ने राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत किया और उन्हें भगवान कामतानाथ जी का चित्र भेंट कर सम्मानित किया।

राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि जन सूचना अधिकार अधिनियम पारदर्शी शासन व्यवस्था स्थापित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करे, जिससे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखा जा सके और शासन व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि उनके क्षेत्र, गांव या मोहल्ले में चल रहे कार्यों की लागत क्या है और उनके निर्माण की गुणवत्ता कैसी होनी चाहिए। यदि किसी गड़बड़ी की आशंका होती है, तो नागरिक जन सूचना अधिकार के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को दंडित भी करवा सकते हैं।

जन सूचना अधिकार के तहत सूचना प्राप्त करने के लिए, आवेदक को ₹10 का पोस्टल ऑर्डर, नकद या बैंक ड्राफ्ट जन सूचना अधिकारी के पास जमा करना होता है। यदि कोई आवेदक अधिक पृष्ठों में सूचना मांगता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क देना होगा। जन सूचना अधिकारी को यह शुल्क 30 दिनों के भीतर आवेदक से मांगना होगा। यदि अधिकारी 30 दिनों के भीतर शुल्क की मांग नहीं करता है, तो उसे आवेदक को निशुल्क सूचना प्रदान करने का प्रावधान है।

राज्य सूचना आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि आयोग ने सूचना अधिकार की सुनवाई के लिए हाई-टेक व्यवस्था शुरू की है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन सूचना मांगी जा सकती है और सुनवाई भी ऑनलाइन हो सकती है। उन्होंने निष्कर्ष में कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम की जानकारी प्रत्येक नागरिक के लिए उपयोगी है और हर नागरिक को इसकी जानकारी होनी चाहिए।

कार्यशाला में व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, प्रदेश मंत्री ओम केशरवानी, महामंत्री गुलाब गुप्ता, प्रवीण यादव, महेश जायसवाल, संजय सिंह उर्फ बाबू भाई (मंडल उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन), सुरेश अनुरागी, सुभाष चंद्र मिश्र, राजकिशोर पाल आदि उपस्थित थे। कार्यशाला के संयोजक बीपी पटेल ने मुख्य अतिथि सहित सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इसके पश्चात राज्य सूचना आयुक्त ने भगवान कामतानाथ के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।