उप्र में नशे के खिलाफ लड़ाई होगी और तेज, एएनटीएफ में प्रतिनियुक्ति पर तैनात होंगे 450 कर्मी
नार्को नेक्सस की कमर तोड़ने को योगी सरकार ने एएनटीएएफ में ट्रांसफर पॉलिसी को दी मंजूरी
लखनऊ, 14 अप्रैल । उत्तर प्रदेश में अवैध नशे के सौदागरों के खिलाफ योगी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। नार्को नेक्सस की कमर तोड़ने के लिए अब योगी सरकार ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के सुचारू रूप से संचालन के लिए विभाग के अंदर ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दे दी है।
इस नीति के तहत अंतरविभागीय स्तर पर करीब 450 प्रतिनियुक्ति दी जाएंगी। इसमें निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी, आरक्षी, आरक्षी चालक, उपनिरीक्षक (गोपनीय), उपनिरीक्षक-सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक), उपनिरीक्षक-सहायक उपनिरीक्षक (लेखा) तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद शामिल हैं। योगी सरकार से ट्रांसफर पॉलिसी को हरी झंडी मिलते ही विभाग ने इन पदों के लिए अर्हता निर्धारित कर दी है।
नियुक्ति के लिए एएनटीएफ ने शासन को लिखा था पत्र
एएनटीएफ डीआईजी अब्दुल हमीद ने बताया कि एएनटीएफ के सुचारू रूप से संचालन के लिए करीब 450 पदों पर नियुक्ति के लिए शासन को पत्र लिखा गया था, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के लिए ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दे दी, जिसके बाद विभाग में मुख्यालय, 8 ऑपरेशनल इकाई और 6 थानों में कुल 16 निरीक्षक, 38 उपनिरीक्षक, 84 मुख्य आरक्षी, 162 आरक्षी, 5 एसआईएम (स्टेनो), 8 एसआई (एम), 35 आरक्षी चालक, 2 एसआई (एम), 8 एएसआई (एम), 1 एसआई (एम) लेखा, 44 चतुर्थ श्रेणी, 1 एएसआई (एम) लेखा, 8 ड्रग इंस्पेक्टर, 8 फॉर्मासिस्ट तथा 28 कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद शामिल हैं। विभाग ने इन पदों पर निर्धारित अर्हता के अनुसार प्रतिनियुक्ति की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिसकर्मियों के चयन के लिए गठित की जाएगी समिति
अब्दुल हमीद ने बताया कि एएनटीएफ मुख्यालय स्तर पर निरीक्षक से लेकर आरक्षी तक के पदों को भरने के लिए निर्धारित अर्हता पर फिट होने वाले अनुभवी, दक्ष व कुशल कर्मियों के चयन के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष पुलिस महानिरीक्षक एएनटीएफ या पुलिस उपमहानिरीक्षक (कार्यालयाध्यक्ष) होंगे, जबकि पुलिस अधीक्षक मुख्यालय या अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन या अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन सदस्य होंगे।
विभाग द्वारा तय की गई यह अर्हता
- आरक्षी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष, मुख्य आरक्षी के लिए 45 वर्ष, उपनिरीक्षक के लिए 50 वर्ष एवं निरीक्षक की अधिकतम उम्र सीमा 55 वर्ष होगी।
- गोपनीय सहायक, लिपिक-लेखा तथा कम्प्यूटर आपरेटर के लिए उम्र सीमा की बाध्यता नहीं होगी। उक्त पुलिस कर्मियों की सम्बद्धता अवधि सामान्यतः 3 वर्ष के लिए होगी, जिसे आवश्यकतानुसार 2-2 वर्ष के लिए अधिकतम दो बार बढ़ाया जा सकता है।
- किसी कर्मी की विशेष योग्यता होने पर कम अवधि के लिए भी सम्बद्ध किया जा सकता है।
- कार्मिक की, उसकी सेवा अवधि में अथवा विगत 3 वर्षों में सत्यनिष्ठा संदिग्ध न हो तथा उसके विरुद्ध कोई प्रतिकूल प्रविष्टि न हो और दीर्घ या लघु दण्ड न प्रदान किया गया हो।
- कार्मिक के विरूद्ध आपराधिक अभियोग अथवा विभागीय कार्यवाही प्रचलित न हो।
- ऐसे कार्मिकों को जिनके द्वारा विगत 3 वर्षों में नार्कोटिक्स, ड्रग्स, शराब, शस्त्रों की बरामदगी के सम्बन्ध में उल्लेखनीय कार्य किया गया हो, उन्हें प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
- उपर्युक्त अर्हता के सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक, उप्र के अनुमोदन के उपरान्त ही कोई शिथिलीकरण किया जा सकता है।