करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपी की जमानत खारिज
यह देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला गम्भीर अपराध : हाईकोर्ट
प्रयागराज, 05 अगस्त । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साढ़े नौ करोड़ की बैंक धोखाधड़ी व गबन के आरोपी अंशुमान दुबे को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है।
इनके सहित दर्जनों आरोपियों के खिलाफ प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर अमित मालवीय ने 05 अप्रैल 20 को एफआईआर दर्ज कराई है। याची पर सर्विस डेवलपर आफीसर रहते डेढ़ साल में कोटक महिंद्रा बैंक के करोड़ों रुपये बड़ौदा बैंक व यूनियन बैंक की करेंसी चेस्ट में जमा करने में गबन कर अकूत सम्पत्ति खरीदने का आरोप है।
न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि आर्थिक अपराध की जड़ें गहरी होती है। इससे जन-धन का भारी नुक़सान होता है। देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला यह गम्भीर अपराध है। जिसे गम्भीरता से लेना चाहिए।
04 अप्रैल 20 को सेन्ट्रल रीडिंग यूनिट ने जानकारी दी कि खुल्दाबाद शाखा करेंसी चेस्ट मैच नहीं कर रही है। करेंसी चेस्ट में कम पैसा जमा किया गया है।
याची के पास से 42,33,500 रुपये नकद 1.2 किग्रा सोने चांदी के जेवर बरामद हुए। यह भी पता चला कि उसकी पत्नी के नाम बस्ती में प्लाट व गोरखपुर में फ्लैट हैं। याची ने उस दौरान कंपास जीप खरीदी है। 03 जुलाई 20 को याची सहित छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। 16 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है।
याची अधिवक्ता का कहना था कि बरामदगी झूठी दिखाई गई है। जीप लोन से ली है। पत्नी सरकारी स्कूल में अध्यापिका है और उसे झूठा फंसाया गया है। उसके द्वारा दिये गये चार्ट में एक पैसे का घपला नहीं है। सरकारी वकील ने कहा पत्नी के खाते में 77 लाख जमा है। दो करोड़ की जमीन खरीदी है।
कोर्ट ने कहा कि याची ने सम्पत्ति खरीदने का श्रोत नहीं बताया। खाताधारकों की गाढ़ी कमाई के नौ करोड़ से अधिक का गबन कर लिया गया है। शेष रकम अभी बरामद होनी है। विवेचना जारी है। सीसीटीवी फुटेज याची की गतिविधियों को अपराध से जोड़ते हैं। लाखों नकद व करोड़ों की ज्वेलरी को फंसाने के लिए प्लांट करना आसान नहीं है। याची घपले का मास्टरमाइंड है। इस अपराध में उसे आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है और वह जमानत पर छूटने से गवाहों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है।