''पीएम विश्वकर्मा'' के लाभार्थियों का कौशल भी निखारेगी योगी सरकार

''पीएम विश्वकर्मा'' के लाभार्थियों का कौशल भी निखारेगी योगी सरकार

''पीएम विश्वकर्मा'' के लाभार्थियों का कौशल भी निखारेगी योगी सरकार

लखनऊ, 12 सितंबर । प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पीएम विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश में वृहद स्तर पर लागू किए जाने की तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर 17 सितंबर से शुरू हो रही इस योजना में प्रदेश से अधिक से अधिक ''विश्वकर्मा'' को जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत 18 ट्रेड्स से जुड़े ''विश्वकर्मा'' को लाभ दिए जाने की योजना है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इन सभी ट्रेड्स में ''विश्वकर्मा''का कौशल निखारने के लिए प्रदेश सरकार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से ट्रेनिंग दिलाएगी। बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग के दौरान ''विश्वकर्मा''को सरकार की ओर से स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पीएम विश्वकर्मा योजना की जानकारी सबसे पहले फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2023 को अपनी बजट स्पीच में किया था। इसके बाद 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इस योजना के शुभारंभ का ऐलान किया था।



दी जाएगी बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग



योगी सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना को प्रदेश में लागू करने के साथ ही ''विश्वकर्मा'' के कौशल को निखारने की भी योजना बनाई है। इसी क्रम में सरकार ने कौशल विकास मिशन को सभी 18 ट्रेड्स में लाभार्थी ''विश्वकर्मा'' को ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत लाभार्थी ''विश्वकर्मा'' के कौशल सत्यापन के बाद उन्हें 5 दिन की बेसिक ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इसके बाद 10 प्रतिशत ''विश्वकर्मा'' को उनके क्षेत्र में और बेहतर प्रदर्शन के लिए एडवांस लेवल की ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी। एडवांस ट्रेनिंग में उन्हें समय के अनुसार ग्राहकों की बदलती डिमांड के अनुसार उत्पाद तैयार करने और उसे निखारने की नई-नई तकनीकों से रूबरू कराया जाएगा। दिलचस्प बात ये है कि सभी ''विश्वकर्मा'' को ट्रेनिंग स्टाइपेंड भी मिलेगा जो कि प्रतिदिन 500 रुपए होगा। योगी सरकार की योजना के अनुसार 30 लाख ''विश्वकर्मा'' को बेसिक ट्रेनिंग और 3 लाख को एडवांस ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है।



डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित



यही नहीं बेसिक ट्रेनिंग लेने वाले 30 लाख ''विश्वकर्मा''को टूलकिट इंसेंटिव्स के लिए 15 हजार रुपए ई-वाउचर या ई रूपी के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए भी इन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रति माह अधिक से अधिक 100 डिजिटल ट्रांजैक्शन पर प्रति ट्रांजैक्शन एक रुपए का इंसेंटिव भी दिया जाएगा। सरकार ने इस योजना के क्वालिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग, एडवरटाइजिंग, पब्लिसिटी और दूसरी मार्केटिंग पहलों के लिए 250 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है।



ट्रेनिंग और ट्रेनिंग सेंटर्स की होगी मॉनीटरिंग



योजना के अनुसार सबसे पहले सभी 18 ट्रेड्स में कौशल निखारने के लिए कौशल की पहचान और मुख्यालय या ब्लॉक लेवल पर ट्रेनिंग सेंटर तैयार किए जाएंगे। सेंटर्स में बोर्डिंग और लॉजिंग की व्यवस्था के साथ ही ''विश्वकर्मा'' को इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए लोकल इंडस्ट्रीज के मास्टर ट्रेनर्स का चयन किया जाएगा। यह भी सुनिश्चत किया जाएगा कि सभी विश्वकर्मा स्किल वेरिफिकेशन और बेसिक ट्रेनिंग के लिए उपलब्ध रहें और इसे पूरा भी करें। ट्रेनिंग और ट्रेनिंग सेंटर्स की जिला और राज्य स्तर पर मॉनीटरिंग भी की जाएगी। यही नहीं, एक कंवोकेशन के माध्यम से सभी विश्वकर्मा को सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। इस कंवोकेशन में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।



इन 18 ट्रेड्स से संबंधित ''विश्वकर्मा''को होगा लाभ

1. बढ़ई (सूथर)

2. नाव निर्माता

3. शस्त्र निर्माता

4. लोहार

5. हथौड़ा और टूलकिट निर्माता

6. तालासाज़

7. सुनार

8. कुम्हार

9. मूर्तिकार, स्टोन ब्रेकर

10.मोची

11. राजमिस्त्री

12. टोकरी, चटाई व झाड़ू बुनकर

13. पारंपरिक खिलौना बनाने वाले

14. नाई

15. मालाकार

16. धोबी

17. दर्जी

18. मछली जाल निर्माता