उप्र में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि को देखते योगी सरकार हुई सतर्क
कोरोना के केस पाए जाने पर संबंधित स्थानों पर की जाएगी सघन टेस्टिंग व सैंपलिंग
लखनऊ, 30 मार्च । उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि को देखते हुए योगी सरकार सतर्क हो गई है। सरकार की ओर से ऐसे जनपदों में तत्काल आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स एवं अस्पतालों (सरकारी एवं निजी) को सतर्क रहने को कहा गया है।
राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में रेस्परेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (आरटीआई), इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन (सारी) के मामलों की सघन निगरानी के निर्देश दिए हैं। सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन (सारी) केसेज की कोविड जांच निगेटिव होने पर सीजनल इंफ्लुएंजा की जांच कराने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि देखने को मिली है। 28 मार्च को कोविड-19 के सक्रिय रोगियों की संख्या 340 थी। ऐसे में योगी सरकार ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं।
सभी पॉजिटिव सैंपल्स की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग
मुख्य सचिव के समक्ष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के विषय पर प्रस्तुतिकरण में यह निर्देश जारी किए गए। इसके अनुसार आरटीआई, आईएलआई, एसएआरआई के मामलों में वृद्धि की तत्काल सूचना देने की हिदायत दी गई है। यही नहीं, कोविड-19 के सूचित होने वाले स्थानों पर कोविड-19 की सघन सैंपलिंग के भी आदेश हैं। लैब्स को कोविड-19 के पॉजिटिव नमूनों को सुरक्षित करते हुए होल जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजे जाएंगे। कोविड-19 के पॉजिटिव रोगियों को आईसीसीसी के माध्यम से कॉल करना सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार ने वृद्ध रोगियों की विशेष देखभाल और सावधानी बरतने को भी कहा है।
इसके अतिरिक्त अस्पतालों में लॉजिस्टिक, औषधियां, पीपीई किट्स, ग्लव्स, मास्क की उपलब्धता एवं उपकरणों, ऑक्सीजन प्लांट एवं कंसंट्रेटर की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन को मामलों की गंभीरता देखते हुए तत्काल डेडिकेटेड चिकित्सालय, वार्ड एक्टिव किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।
टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर फोकस
28 मार्च तक जो जिले कोविड-19 से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं उनमें गौतमबुद्धनगर (57), गाजियाबाद (55), लखीमपुर खीरी (44), लखनऊ (27), बिजनौर (12), ललितपुर (9) और सहारनपुर (8) हैं। इन जिलों के लिए सावधानीपूर्वक वर्तमान स्थिति पर नजर रखे जाने को आवश्यक बताया गया है। वहीं प्रभावित जिलों में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।
वहीं, पूर्व की कोविड-19 लहरों में सबसे अधिक प्रभावित हुए जिलों में भी विशेष सावधानी बरतने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी ऐसे जिले हैं जिन्हें संवेदनशील माना जाता है।
गौरतलब है कि प्रदेश में एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाना है। वहीं 17 से 30 अप्रैल के बीच दस्तक अभियान चलेगा। इसके अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में साफ सफाई एवं जलभराव निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही हाई रिस्क एरिया में अंतर्विभागीय सहयोग के साथ सघन वाहक, मच्छर नियंत्रण गतिविधियां चलाई जाएंगी। स्कूलों में रोगों से बचाव तथा रोकथाम के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। दस्तक अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा चिन्हित किए गए लक्षणयुक्त व्यक्तियों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।