योग एवं आयुर्वेद विश्व के लिए वरदान: डॉ. रामकृष्ण रेड्डी

योग एवं आयुर्वेद विश्व के लिए वरदान: डॉ. रामकृष्ण रेड्डी

, 15 जून श्री गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृतिभवन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में महायोगी गुरु गोरखनाथ योग संस्थान, श्री गोरखनाथ मंदिर और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा एक सप्ताह तक चलने वाले योग शिविर और शैक्षिक कार्यशाला का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. रामकृष्ण रेड्डी, कुलपति, आयुष विश्वविद्यालय, भटहट, गोरखपुर ने योग एवं आयुर्वेद को पूरे विश्व के लिए एक अनमोल वरदान बताया। उन्होंने कहा कि ये प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियां न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं, बल्कि व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। योग और आयुर्वेद, दोनों का ही अंतिम उद्देश्य व्यक्ति को समग्र रूप से स्वस्थ बनाना है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों पहलू शामिल हैं।

कुलपति डॉ. रामकृष्ण रेड्डी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ शरीर के बिना जीवन के चार प्रमुख लक्ष्यों – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष – को प्राप्त करना संभव नहीं है। उन्होंने आयुर्वेद की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह शास्त्र शारीरिक व्याधियों को जड़ से उखाड़ फेंकने में सक्षम है, जबकि योग मानसिक व्याधियों को दूर कर व्यक्ति को सुखमय जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करता है।

डॉ. रेड्डी ने श्री गोरक्षनाथ योग संस्थान द्वारा योग व आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के प्रयासों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना करके इन प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने की। योग प्रशिक्षक नवनीत चौधरी ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य डॉ. रंगनाथ त्रिपाठी द्वारा वैदिक मंगलाचरण और आदित्य पाण्डेय व विवेक धर दुबे द्वारा गोरक्षाष्टक पाठ से हुआ, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम का संचालन श्री गेरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर के प्राचार्य डॉ. अरविन्द कुमार चतुर्वेदी ने कुशलतापूर्वक किया।

इस अवसर पर योग प्रशिक्षक कमलेश मौर्य, संस्कृत विद्यापीठ के आचार्य डॉ. रोहित कुमार मिश्र, डॉ. अभिषेक पाण्डेय, डॉ. दिग्विजय शुक्ल, बृजेश मणि मिश्र, शशि कुमार यादव, दीप नारायण, पुरुषोत्तम चौबे, नित्यानन्द तिवारी और विभिन्न प्रांतों से आए योग प्रशिक्षुओं सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के महत्व को रेखांकित करना और योग एवं आयुर्वेद के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह शिविर और कार्यशाला प्रतिभागियों को इन प्राचीन प्रथाओं को सीखने और अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे वे स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।