प्रयागराज की सोरांव विधानसभा सीट, जानें अबतक का चुनावी इतिहास

2017 में भाजपा ने 21 वर्ष बाद जीत का स्वाद चखा

प्रयागराज की सोरांव विधानसभा सीट, जानें अबतक का चुनावी इतिहास

सोरांव (सुरक्षित) विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में आती है। 2017 में सोरांव (सुरक्षित) में भाजपा समर्थित अपना दल (एस) के जमुना प्रसाद ने बहुजन समाज पार्टी के गीता देवी को 17735 वोटों से हराया था। यहां से भाजपा ने गठबंधन में 21 साल बाद जीत का स्वाद चखा। इस सीट पर सभी दल के प्रत्याशी जीत चुके हैं, लेकिन अब यह क्षेत्र अपना दल का गढ़ माना जाता है।

सीट की मुख्य बातें

सोरांव विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा पासी मतदाता हैं। इस सीट पर कांग्रेस, जनता पार्टी और दो बार जनता दल का कब्जा रहा है। 1985 में कांग्रेस के भोला सिंह यहां से जीते थे। 1989 में भी वे यहां से जीते, लेकिन इस बार वे जनता दल के उम्मीदवार थे। उन्होंने राम मंदिर की लहर के दौर में भी तीसरी बार 1991 में जीत दर्ज की। लेकिन 1993 में बहुजन समाज पार्टी के हीरामणि पटेल बाजी मार ले गए। 1996 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी को यहां से जीत मिली और रंग बहादुर पटेल कमल खिलाने में कामयाब रहे। लेकिन 2002 में बसपा के मोहम्मद मुज्तबा सिद्दिकी ने उन्हें हरा दिया। 2007 में सिद्दीकी दूसरी बार यहां से जीते। 2012 में परिसीमन के बाद यह सीट सुरक्षित हो गई और समाजवादी पार्टी के सत्यवीर मुन्ना जीत दर्ज करने में सफल रहे। 2017 में इस सीट पर भाजपा गठबंधन-अपना दल (एस) का कब्जा हो गया।

चुनाव पर एक नजर

वर्ष 1974 में इस सीट पर भारतीय क्रांति दल से जंग बहादुर सिंह पटेल जीते थे। जंग बहादुर पुनः 1977 में भी जनता पार्टी के बैनरतले जीते। 1980 में राधे श्याम पटेल जनता पार्टी एससी से जीते। इसके बाद भोला सिंह 1985 में कांग्रेस से, 1989 में जनता दल एवं 1991 में पुनः जनता दल से चुनाव जीते। 1993 में बसपा ने खाता खोला और हीरा मणि पटेल जीत कर आए। 1996 में भाजपा का खाता खुला और रंग बहादुर पटेल ने जीत दर्ज की। लेकिन 2002 में बसपा से मो. मुजतबा सिद्दीकी ने जीत दर्ज कर पुनः कब्जा कर लिया और 2007 में भी उन्होंने जीत दर्ज की। 2012 में यहां सत्यवीर मुन्ना ने जीत दर्ज कर सपा का खाता खोला। लेकिन 2017 में अपना दल एस से डॉ जमुना प्रसाद सरोज ने जीत दर्ज की।

वर्ष 2017 के चुनाव में यहां मतदाताओं की संख्या 3,60,205 थी। अब आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या 18,007 बढ़ कर 3,78,212 हो गयी है। जो आगामी चुनाव में अपना विधायक चुनेंगे।

राजनीतिक इतिहास

आजादी के बाद से सोरांव विधानसभा सीट का नाम चार बार बदला है। वहीं इस विधानसभा सीट पर सभी दल के प्रत्याशियों को जीत का मौका मिला है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रयागराज की 12 विधानसभा सीटों में से 9 पर जीत मिली। यह भाजपा की बड़ी कामयाबी रही। अब 2022 के चुनाव में दोबारा जीत दर्ज करना किसी चुनौती से कम नहीं है। उल्लेखनीय है कि, सोरांव विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा पासी मतदाता हैं। इस जाति के मतदाताओं की संख्या इस विधानसभा सीट पर एक लाख के करीब है।