वंदे मातरम की उद्घोष के साथ केपी कालेज में दिखा आजादी के जश्न सा नजारा
एक लाख लोगों ने मिलकर गाया वंदे मातरम
अमृत महोत्सव के समापन के अवसर पर आज केपी कालेज में सामूहिक वंदे मातरम का आयोजन किया गया जिसमें शहर के कई स्कूली बच्चों ने भाग लिया और एक साथ सामूहिक रूप से वंदे मातरम गाया उस दौरान बच्चों ने रंगोली बनाई यह यह कार्यक्रम आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा था समापन अवसर पर आजादी के उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। विद्यार्थी व लोग उत्साहित दिखे। सब देशभक्ति के गाने बन्दे मां मातरम पर झूमते दिखे। ऐसा लग रहा था कि मानो आजादी के जश्न का एक नजारा दिखाया जा रहा है
तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित के भाव को लेकर एक लाख देशभक्तों ने सामूहिक वंदे मातरम गीत गाकर प्रयाग की धरती पर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। चंद्रशेखर आजाद रमेश मालवीय त्रिलोकीनाथ कपूर जैसे बलिदानियों की धरती रविवार को स्वाधीननता के 75वें वर्ष में 75 बालिकाओं के नेतृत्व में वंदे मातरम के गीत से गुंजायमान हो उठी। अमृत महोत्सव समिति प्रयाग के तत्वावधान में केपी ग्राउंड में एक लाख देशभक्तों के विशाल समूह ने समवेत स्वरों में वंदे मातरम गीत का गायन कर देश पर मानो सर्वस्व न्योछावर करने के संकल्प का शंखनाद कर दिया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर ने मुख्य वक्ता के रूप में स्वावलम्बन से शक्तिशाली भारत के निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया। 28 फीट ऊंचे बने विशाल सुसज्जित मंच से उन्होंने कहा कि स्वत्व का जागरण कर भारत को शक्तिशाली तथा विश्व गुरु के पद पर आसीन किया जा सकता है। इसके लिए स्वदेशी तकनीक स्वभाषा का प्रयोग तथा स्वधर्म का अनुगमन करना होगा। स्व के आधार पर देश को विकसित करने पर ही देश विश्व गुरु बन सकेगा। इसके लिए उन्होंने सभी से अपनी मातृभाषा में हस्ताक्षर करने तथा निमंत्रण पत्र में अपनी भाषा का प्रयोग करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रभक्ति के ज्वार को जन-जन में फैलाना आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
उन्होंने उपस्थित विशाल जनसमुदाय से आह्वान किया कि सभी लोग शक्तिशाली भारत बनाने का संकल्प लें। ’जब तक ध्येय न पूरा होगा तब तक पग की गति न रुकेगी’ का उद्धरण देते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति और इसकी प्राचीन संस्कृति इसका प्राण है। आध्यात्मिक शक्ति से देश को बलशाली बनाये जाने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत के स्वत्व को बचाना है तो आध्यात्मिक शक्ति को बचाना ही होगा। उन्होंने कहा कि प्रयाग की धरती आध्यात्मिक शक्ति से भरपूर है, विदेशियों को भी यहां से आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। भारत रामकृष्ण, शिवाजी, राणा प्रताप, गुरु नानक, गुरु गोविंद सिंह, गंगा और गीता कि अध्यात्म भूमि है। आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित कर देश की सांस्कृतिक धारा को मजबूत बनाने से श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो सकेगा।
इस संदर्भ में कवि रसखान का उल्लेख करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और सनातन धर्म एक है। उन्होंने कहा कि भारत तो प्रयाग के अक्षयवट की तरह है। तमाम विदेशी हमलावरों ने कई बार इस वृक्ष को काटकर पिघली धातु से ढक कर इसे नेस्तनाबूत करने की चेष्टा की। फिर भी अपनी मजबूत जड़ों के कारण यह नए रूपों में पल्लवित पुष्पित हो गया। जिस देश की जड़े मजबूत होती हैं उसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। यह अमृत महोत्सव देश को अपनी जड़ों की पहचान कराने तथा उसे मजबूत बनाने का उत्सव है। उन्होंने याद दिलाया कि स्वाधीनता किसी एक परिवार की बदौलत नहीं मिली बल्कि इसके लिए अपना बलिदान देना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज के दिन बलिदानियों से प्रेरणा लेने का दिन है। बलिदानों की प्रेरणा से ही प्रखर देशभक्ति का जागरण हो सकेगा जो अमृत महोत्सव का मूल उद्देश्य है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर यादव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि एकता की कमी से हमें गुलाम होना पड़ा और विदेशियों ने हम पर शासन किया। उन्होंने कहा कि राम, कृष्ण, गंगा, गीता, शिवाजी, राणा प्रताप के प्रति देशवासियों मे सम्मान का भाव बना रहेगा तो देश को गुलाम बनाने की कोई जुर्रत नहीं कर सकेगा।
इसके पूर्व अमृत महोत्सव समिति काशी प्रांत के संयोजक डॉ आनंद शंकर सिंह ने काशी प्रांत में पूरे महीने भर चले अमृत महोत्सव की विस्तार से जानकारी दी। कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने 12 मार्च 2021 को अमृत महोत्सव मनाए जाने की घोषणा की थी। उसी क्रम में अपना राष्ट्रीय दायित्व मानते हुए सरकार के अतिरिक्त सामाजिक संगठनों ने भी अमृत महोत्सव मनाया। मंच पर फलाहारी बाबा की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। वैदिक मंगलाचरण से शुरू हुए इस समारोह का संचालन अधिवक्ता परिषद के महामंत्री शीतल ने तथा धन्यवाद ज्ञापन आशीष ने किया।
समारोह स्थल पर 75 कलश से सजावट 75 फुट की रंगोली 75 महापुरुषों की अलग-अलग परिधानों में झांकी आकर्षण का केंद्र बनी थी। इस अवसर पर प्रांत प्रचारक रमेश, प्रो. राज बिहारी लाल, डॉ के.पी सिंह, डॉ पीयूष शासकीय अधिवक्ता, शिव कुमार पाल, संजीव, घनश्याम, वीर कृष्ण, अजय, महोत्सव समिति के सह संयोजक मुरारजी त्रिपाठी, विभाग प्रचार प्रमुख वसु, रामकुमार, जल संसाधन मंत्री महेंद्र सिंह, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, महेश चंद्र चतुर्वेदी, कमिश्नर संजय गोयल आदि उपस्थित रहे।