डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 71वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि

राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए डॉ मुखर्जी का बलिदान अमर रहेगा: डॉ नरेंद्र सिंह गौर

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 71वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि

प्रयागराज, 23 जून । देश की एकता, अखंडता और स्वाभिमान के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान अमर रहेगा। डॉ मुखर्जी ‘एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ का नारा देकर जम्मू-कश्मीर को देश का अभिन्न अंग बनाने के संघर्ष में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

यह बातें मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने भारतीय जनता पार्टी महानगर द्वारा सिविल लाइन कार्यालय में स्वतंत्र भारत के प्रथम क्रांतिकारी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 71वें बलिदान दिवस पर संगोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को भारत का हिस्सा बनाए रखने की वैचारिक व व्यावहारिक लड़ाई में डॉ मुखर्जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संविधान सभा के सदस्य के रूप में उन्होंने भाषा व संस्कृति सम्बंधी परिवर्तनकारी सुझाव दिए।

महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना से देशवासियों को वैकल्पिक विचार दिया। भारतीय संस्कृति का यह नक्षत्र हमेशा दैदीप्यमान रहकर भावी पीढ़ियों को राष्ट्र प्रथम के पथ पर दिशा दिखाता रहेगा।

अध्यक्षता करते हुए महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष की एक नई ऊर्जा की उड़ान भरी है जो पाक अधिकृत कश्मीर प्राप्त करने तक जारी रहेगी।

इस अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज के प्रवक्ता प्रभाकर ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन राष्ट्र के उत्कर्ष और वैभव को समर्पित कर दिया। भारत के सम्प्रभुता की रक्षा और शिक्षा जगत के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य अविस्मरणीय है। उनका त्याग और समर्पण प्रत्येक भारतवासी में राष्ट्रपति की भावना और सर्वस्व समर्पण की प्रेरणा का सृजन करते रहेंगे।

कार्यक्रम का संचालन महामंत्री देवेश सिंह ने किया। कार्यक्रम संयोजक संजय श्रीवास्तव और सहसंयोजक दीप द्विवेदी व कुलदीप मिश्र रहे। इस अवसर पर कुंज बिहारी मिश्रा, शशि वार्ष्णेय, राजेश केसरवानी, सचिन जायसवाल, अनुज कुशवाहा, विवेक मिश्रा, शिवा त्रिपाठी, सरोज गुप्ता, प्रशांत शुक्ला, राकेश भारती, राजेश गोंड, आशीष द्विवेदी, अंजनी सिंह एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।