आपराधिक केस में बरी होने पर पुलिस भर्ती में नियुक्ति का निर्देश

आपराधिक केस छिपाने के आधार पर नियुक्ति न देने का एसपी का आदेश रद्द

आपराधिक केस में बरी होने पर पुलिस भर्ती में नियुक्ति का निर्देश

प्रयागराज, 26 अप्रैल । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक केस में बरी हो जाने पर पुलिस भर्ती 2018 मे चयनित अभ्यर्थी को 8 सप्ताह में सिविल पुलिस कांस्टेबल पद पर नियुक्ति करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि याची सुप्रीम कोर्ट के अवतार सिंह केस के फैसले का लाभ पाने का हकदार है। कोर्ट ने आपराधिक केस की जानकारी छिपाने के आधार पर नियुक्ति से इंकार करने के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण वाराणसी के आदेश को रद्द कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने वाराणसी के निवासी रंजीत यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची का कहना था कि याची पुलिस भर्ती में चयनित किया गया। किंतु अपराधिक केस लम्बित रहने के कारण उसे नियुक्ति देने से इंकार कर दिया। चौबेपुर थाने में मारपीट गाली गलौज का केस दर्ज था।

याची का कहना था कि उसे केस की जानकारी नहीं थी। न तो पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया और न ही कोर्ट ने सम्मन जारी किया। इसलिए यह नहीं कह सकते कि उसने तथ्य छिपाया है। कोर्ट ने याची व सह अभियुक्त को यह कहते हुए बरी कर दिया है कि पुलिस अभियोग बिना संदेह के साबित करने में विफल रही।