आखिरकार 68 साल बाद फिर से टाटा समूह का हुआ एयर इंडिया

सरकार ने टाटा की बोली को स्वीकार किया, टाटा ग्रुप का हुआ 'महाराजा'

आखिरकार 68 साल बाद फिर से टाटा समूह का हुआ एयर इंडिया

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर (हि.स.)। आखिरकार 68 साल बाद फिर टाटा समूह की होगी एयर इंडिया, सरकार ने टाटा संस की बोली को स्वीकार कर लिया है। सरकार ने इसमें सौ फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर मंगवाया था। इसके साथ ही एयर इंडिया की दूसरी कंपनी एयर इंडिया सैट्स में सरकार 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी।

सूत्रों के मुताबिक एयर इंडिया का रिजर्व प्राइस 15 से 20 हजार करोड़ रुपये तय किया गया था। टाटा समूह ने एयर इंडिया के लिए स्पाइस जेट के चेयरमैन अजय सिंह से ज्यादा की बोली लगाई थी। इस तरह लगभग 68 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हो गई है। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2021 थी। उसके बाद से ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि टाटा समूह एयर इंडिया को खरीद सकता है।

टाटा ने 1932 में शुरू की थी एयर इंडिया

टाटा समूह ने एयर इंडिया को 1932 में शुरू किया था। टाटा समूह के जेआरडी टाटा इसके फाउंडर थे। जेआरडी टाटा खुद पायलट थे। उस वक्त इसका नाम टाटा एयर सर्विस रखा गया। साल 1938 तक कंपनी ने अपनी घरेलू उड़ानें शुरू कर दी थी। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इसे सरकारी कंपनी बना दिया गया। आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी।

उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए जो कमेटी बनी है, उसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सिविल एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं।