लखनऊ, 29 जून। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग शीघ्र ही अयोध्या से चित्रकूट को जोड़ने के लिये राम वनगमन मार्ग बनाने जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के मंत्री और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को इसके मसौदे को अनुमति दे दी।
राम मंदिर के निर्माण का रास्ता खुलने के साथ में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की राम वनगमन मार्ग की परिकल्पना व पहल पर राम वनगमन मार्ग बनाये जाने का मसौदा तैयार किया गया।
राम वनगमन मार्ग के लिये अधिग्रहीत भूमि के मुआवजा वितरण के साथ-साथ एलाइन्मेन्ट व अन्य कार्यों को अन्तिम रूप दिये जाने की दिशा में लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय मार्ग विंग द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है।
राम वनगमन मार्ग अयोध्या से प्रारम्भ होकर सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, श्रृंगवेरपुर धाम, मंझनपुर, राजापुर होते हुए चित्रकूट तक विकसित किया जाना प्रस्तावित है। अयोध्या से चित्रकूट तक की दूरी लगभग 210 किलोमीटर है। अयोध्या से सुल्तानपुर राष्ट्रीय मार्ग संख्या-96 के रूप में फोर लेन वर्तमान में, सुल्तानपुर से 2 लेन पेव्ड शोल्डर सहित विकासशील है।
नवघोषित राष्ट्रीय मार्ग संख्या- 731 ए जो कि प्रतापगढ़ के निकट मोहनगंज से प्रारम्भ होकर जेठवारा, श्रृंगवेरपुर धाम होते हुए मंझनपुर, राजापुर के निकट विकसित किया जाना प्रस्तावित है। राष्ट्रीय मार्ग संख्या-731ए का संरेखण का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा किया गया है, जिसकी कुल लम्बाई 112 किलोमीटर है एवं इस 112 किलोमीटर को 3 पैकेजों के अन्तर्गत विकसित किया जाना है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राम वनगमन मार्ग के संबंध में बताया कि मार्ग के पैकेजों के विकसित हो जाने के उपरान्त क्षेत्रवासियों को अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध हो जायेंगी। क्षेत्र का सामरिक एवं आर्थिक विकास द्रुत गति से होगा।
उन्होंने बताया कि गंगा नदी पर पूर्व निर्मित सेतु के उपयोग से कौशाम्बी जनपद के श्रृंगवेरपुर धाम तक सीधे पहुंच हो जायेगी। कुरई घाट पर स्थित राम मंदिर तथा चरवा गांव में स्थित राम जानकी मंदिर कहा जाता है, यहां पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम वनगमन के समय विश्राम किये थे। इसका भी सीधा सम्पर्क लिंक मार्ग के भविष्य में विकसित होने के उपरान्त हो जायेगा। जिससे राम वनगमन पथ का उद्देश्य भी पूर्ण होगा। इस मार्ग के निर्मित हो जाने से 02 बड़े धार्मिक और आस्था के केन्द्रों अयोध्या व चित्रकूट का जहां सीधा सम्पर्क हो जायेगा, वहीं त्रेता युग की स्मृतियों को चिर स्थायित्व मिलेगा।
उन्होंने बताया कि देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों व आम जनमानस के लिये यह बहुत ही सुगम व सरल मार्ग तो होगा ही, पूरे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी। व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों के लिये भी यह मार्ग अत्यन्त उपयोगी साबित होगा।