सिर्फ परिवार की राजनीति करने वाले सपाई क्या समझेंगे संघ और भाजपा के संबंध : सिद्धार्थनाथ
सिर्फ परिवार की राजनीति करने वाले सपाई क्या समझेंगे संघ और भाजपा के संबंध
18 जुलाई । उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को पढ़ लिख कर बयान देने की सलाह दी है। सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि यूपी के मुख्यमंत्री रहने के बाद भी अखिलेश यादव को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के रिश्तों का ज्ञान नहीं हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि जनता की निस्वार्थ सेवा करते हुए राष्ट्र के निर्माण में संघ का कितना बड़ा योगदान है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अज्ञानतावश अखिलेश यादव संघ द्वारा चित्रकूट और लखनऊ में की जा रही बैठक पर सवाल खड़ा करते हुए बयान दे रहे हैं। बेहतर हो अखिलेश यादव पहले संघ तथा भाजपा के रिश्तों के बारे में जाने और पढ़े फिर बयान दें। इसके साथ अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिन यादव से मनमुटाव खत्म कर अपनी पार्टी पर ध्यान दें।
सपा मुखिया से सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता अखिलेश सरकार के गुंडाराज को अभी भूली नहीं हैं। अखिलेश सरकार के गुंडाराज के चलते उत्तर प्रदेश में बड़े उद्योगपतियों ने निवेश करने के दूरी बना ली थी। जिसके चलते राज्य में बेरोजगारी बढ़ी और उत्तर प्रदेश विकास के हर पैमाने पर पिछलग्गू बना गया।
उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फिर यूपी विकास की दौड़ में शामिल होकर अपने हुनर को दिखा रहा है। बड़े बड़े उद्योगपति प्रदेश में अपनी फैक्ट्री लगा रहे हैं। इन उद्योगों में लाखों लोगों को रोजगार मिला रहा है और चार लाख से अधिक युवकों को सरकारी नौकरी मिली है। यहीं नहीं कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों को दुनियां भर में सराहा जा रहा है। चार करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन लगा कर सूबे ने देश में एक रिकार्ड बनाया है। प्रदेश सरकार के यह सारे कार्य सपा नेता अखिलेश यादव को दिखाई ही नहीं देते क्योंकि समूचे कोरोना काल में अपने घर के बाहर ही नहीं निकले।
सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं कि जिस पार्टी का नेता कोरोना के भय से अपने घर के बाहर निकलने में डरता हो और पार्टी पर अपनी पकड़ बनाने के लिए अपने चाचा से झगड़ता हो वह अनर्गल बाते करने लगता हैं, अखिलेश यादव अब यहीं कर रहे हैं। इसीलिये उन्होंने कोरोना वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन बताकर उसे लगवाने से इंकार करने वाला बयान दिया था। जिस वैक्सीन को कोरोना से बचाने के लिए दुनियाभर में लोग लगवा रहे हो उसके बारे में ऐसा बयान सिर्फ अखिलेश यादव ही दे सकते हैं क्योंकि उन्हें पढ़ने लिखने में अब कोई रूचि ही नहीं हैं। इसलिए वह समय -समय में अनर्गल बयान देकर अपना पैर कुल्हाड़ी पर मार लेते हैं।
कैबिनेट मंत्री कहते हैं कि अखिलेश यादव को अब सपनों की दुनिया से बाहर आकर प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए कार्यों को देखने के लिए गांव -गांव जाना चाहिए और अपनी अनर्गल बयानबाजी पर अंकुश लगाना चाहिए। जनता उसे ही अपना समर्थन देती है जो उसके दुःख सुख का साथी बनता हो उसे नहीं जो सिर्फ ट्वीट कर सरकार पर आरोप लगाना ही राजनीति मानता हो।