योगी हों या स्वामी, ईवीएम में कैद हो रहा इनका भाग्य
छठे चरण में मुख्यमंत्री योगी समेत दर्जन भर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
लखनऊ, 03 मार्च । उप्र में छठे चरण का मतदान बेहद खास माना जा रहा है। इस चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं उनके मंत्री जय प्रताप सिंह, सतीश द्विवेदी, सूर्य प्रताप शाही, उपेन्द्र तिवारी, आनंद स्वरूप शुक्ला जैसे अन्य महत्वपूर्ण नेताओं का भाग्य आज ईवीएम में कैद हो रहा है। भाजपा का साथ छोड़ चुके योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य इस चरण को दिलचस्प बनाए हैं। बसपा छोड़ साइकिल की सवारी करने वाले राम अचल राजभर और लालजी वर्मा अंबेडकर के चुनावी समीकरण को बदल सकते हैं।
लंबे समय बाद उत्तर प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव मैदान में है। मुलायम सिंह यादव के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। एनडीए की
तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ ही हैं। ऐसे में उनकी सीट बेहद खास है। यह सीट नहीं लेकिन गोरखपुर जिला ही उनका परम्परागत क्षेत्र रहा है। 1998 से 2017 तक वह यहां से सांसद रहे। पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर परिणाम की चर्चा कम है। हार जीत के अंतर पर चर्चा ज्यादा हो रही है।
योगी सरकार के दो मंत्री सिद्धार्थनगर जिले से चुनाव लड़ रहे हैं। जयप्रताप सिंह जिले की बांसी सीटे तो सतीश द्विवेदी इटवा से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व सपा के उम्मीदवार माता प्रसाद पांडेय से कड़ी चुनौती मिल रही है। लड़ाई के हिसाब से जिले की इटवा सीट सुर्खियों में हैं।
योगी सरकार में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा ने नाता तोड़ लिया है। भाजपा से अलग होने के बाद उन्हें अपनी पड़रौना सीट छोड़कर भागना पड़ा। माना जा रहा है कि उन्हें अपनी परम्परागत सीट से चुनाव में हार का डर था। स्वामी इस चुनाव में कुशीनगर की फाजिल नगर सीट से सपा के टिकट पर उम्मीदवार हैं। यह सीट भी उनके लिए चुनौतीपूर्ण है। भाजपा का दावा है कि फाजिल नगर में कमल खिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यूज चैनाल के संवाद कार्यक्रम में कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए उनका हित नहीं सध रहा था। इसलिए वह भाजपा छोड़कर चले गये हैं। योगी ने दावा किया कि भाजपा का साथ छोड़ने वालों की हालत खराब है। स्वामी भी चुनाव हारेंगे।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तमुकुही राज सीट से एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा योगी सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही देवरिया की पथरदेव सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इनकी लड़ाई सपा के ब्रह्माशंकर त्रिपाठी से है। वह इन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
अंबेडकरनगर जिला बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गढ़ माना जा रहा है। इस विधानसभा चुनाव में बसपा की नीव हिलती हुई दिखाई दे रही है। वह इसलिए क्योंकि जिले के दिग्गज बसपा से अलग हो गये हैं। बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर और विधानसभा में बसपा के नेता लालजी वर्मा इसी जिले से आते हैं। यह दोनों नेता इस बार बसपा में नहीं हैं। रामअचल राजभर अंबेडकर की अकबरपुर और लालजी वर्मा अंबेडकर नगर की कटहरी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अंबेडकरनगर जिले की इन सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
इसके अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व सपा के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी बलिया की बांसडीह सीट से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। योगी सरकार के उद्यान राज्य मंत्री श्रीराम चौहान गोरखपुर की खजनी विधानसभा सीट, खेल मंत्री उपेन्द्र तिवारी बलिया की फेफना विधानसभा सीट, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला बलिया की बैरिया, उप्र सरकार के सूचना सलाहकार व पत्रकार शलभ मणि त्रिपाठी बलिया सदर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पशुधन राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद गोरखपुर की चौरीचौरा सीट से चुनाव मैदान में हैं।