बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत कार्यों में जुटी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की खुद कर रहे मॉनीटरिंग, किया हवाई सर्वे

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत कार्यों में जुटी योगी सरकार

बाढ़ प्रभावित लोगों को 28028 लंच पैकेट, 7015 ड्राई राशन किट का हुआ विरतण

-प्रदेश में 976 बाढ़ चौकियां स्थापित, बचाव कार्य में लगीं 1133 नावें

-बाढ़ क्षेत्रों में फंसे लोगों को बीमारियों से बचाव के लिये 409 मेडिकल टीमें गठित

लखनऊ, 09 अगस्त । उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा से प्रभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने और उनको राहत पहुंचाने के लिये राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बाढ़ प्रभावित प्रत्येक गांव की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने औरैया और इटावा के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा कर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।

औरैया जिले में यमुना नदी के किनारे बाढ़ से प्रभावित गांवों का हवाई निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने वहां जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में लोगों को राहत सामग्री बांटी और जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इसी तरह इटावा में मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से आए पीड़ितों से मुलाकात कर राहत सामग्री का वितरण किया।

828 बाढ़ शरणालय स्थापित

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों के लिये 828 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। इन शरणालयों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है। प्रत्येक राहत शिविरों में प्रकाश और अस्थाई शरणालयों में शौचालय, पेयजल, कपड़े, बर्तन, बिस्तर आदि की सुनिश्चित व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं।


15 जनपदों के 247 गांव बाढ़ से प्रभावित

प्रवक्ता के अनुसार उप्र में 15 जनपदों के 247 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रदेश में गंगा नदी कचलाब्रिज बदायूं, बलिया, गाजीपुर, यमुना नदी इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा, बेतवा नदी बांदा और हमीरपुर, शारदा नदी पलियाकलां खीरी, क्वानों नदी गोंडा और चंबल नदी खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं।

उन्होंने बताया कि 24 घंटे में प्रदेश में 4.1 मिमी औसत वर्षा हुई है जो सामान्य से 9.6 मिमी के सापेक्ष 43 प्रतिशत है। इसी प्रकार प्रदेश में 01 जून से अब तक 411 मिमी औसत वर्षा हुई जो सामान्य वर्षा 426 मिमी के सापेक्ष 96 प्रतिशत है। जबकि पिछले 24 घंटों में प्रदेश में किसी भी जनपद में 25 मिमी या उससे अधिक वर्षा दर्ज नहीं की गई है। प्रदेश में अधिक वर्षा वाले जनपदों की संख्या 12, सामान्य वर्षा वाले 35 जनपद, कम वर्षा वाले 15 जनपद और अत्याधिक कम वर्षा वाले जनपदों की संख्या 13 पहुंच गई है।

976 बाढ़ चौकियां स्थापित

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने बाढ़ से बचाव के लिये 1133 नावों को लगाया है। साथ ही प्रदेश में 976 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। बाढ़ क्षेत्रों में 409 मेडिकल टीम गठित की गई है जो बाढ़ में फंसे लोगों को इलाज की सुविधा प्रदान करने में जुटी हैं। जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह को बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा के लिये लगाया गया है। उनकी ओर से चंबल और यमुना नदी की बाढ़ प्रभावित जनपदों का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है।

इतना ही नहीं सरकार की ओर से अभी तक 7015 ड्राई राशन किट का वितरण किया गया है जबकि पिछले 24 घंटों में 1230 लोगों को ड्राई राशन किट बांटी गई है। अब तक राज्य सरकार प्रभावित लोगों को 28,028 लंच पैकेटों का वितरण कर चुकी है। जबकि 24 घंटों में 7491 लंच पैकेट बांटे गये हैं। इतना ही नहीं मानव जीवन के साथ जानवरों की सुरक्षा के लिये पिछले 24 घंटों में 12 पशु शिविर लगाए गये जबकि अब तक सरकार प्रदेश में 360 पशु शिविर लगा चुकी है। इनमें कुल 7,24,329 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।

536 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने 536 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया है। एनडीआरएफ टीमों को प्रदेश के 09 जिलों में लगाया गया है। इटावा, जालौन, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, लखनऊ, बलिया और वाराणसी में 10 टीमों की तैनाती गई है। एसडीआरएफ की 12 टीमों को 11 जनपदों में सक्रीय किया गया है। पीएससी 17 टीमों को सीतापुर, प्रयागराज, बरेली, आगरा, आजमढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, एटा और मेरठ में लगाया गया है।

राहत सामग्री बांट रहे वायुसेना के दो हैलीकॉप्टर

उन्होंने बताया कि चंबल नदी व यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण जालौन की माधोगढ़ तहसील और कालपी के 05 ग्रामों का सम्पर्क टूट गया। इन ग्रामों में फंसे परिवारों को वायु सेना के दो हैलीकॉप्टरों की मदद से राहत सामग्री वितरित की गई।

बाढ़ग्रस्त ग्रामों में शुष्क खाद्यान्न का भी हो रहा वितरण

प्रदेश के जनपद जो बाढ़ग्रस्त हैं उनमें शुष्क खाद्यान्न का वितरण भी सरकार की ओर से किया जा रहा है। जिसमें आटा, चावल, अरहर की दाल, हल्दी, मिर्च, धनियां, नमक, रिफाइंड, आलू के 3750 पैकेट और 7271 लोगों को लंच पैकेट बांटे जा चुके हैं।

बाढ़ग्रस्त गांवों में बनाईं गईं समितियां, हर गांव को दिया गया वायरलेस सेट

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य सरकार की ओर से बाढ़ग्रस्त ग्रामों में बचाव और राहत कार्यों के लिये ग्राम स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों और नोडल अधिकारियों से समन्वय बनाए रखने के लिये प्रत्येक गांव को एक-एक वायरलेस सेट युक्त पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है, जिससे इन गांवों से संचार व्यवस्था सुदृढ़ बनी रहे।