देशी पर्यटकों को लुभाने में UP पहले स्थान पर
साढ़े चार साल में पर्यटन को लगे पंख, योगी सरकार ने दोगुना किया बजट
लखनऊ, 28 सितंबर । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले साढे़ चार साल में पर्यटन के विकास को नये पंख दिये हैं। पर्यटन के बजट में दोगुनी वृद्धि के साथ यूपी ने देशी पर्यटकों को लुभाने में देश में पहला स्थान भी पाया है। यही नहीं विदेशी पर्यटकों का रुझान भी प्रदेश की ओर बढ़ा है। आध्यात्मिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों की दृष्टि से यूपी ने देश ही नहीं दुनिया में भी अपनी नई पहचान बनायी है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि यूपी के पर्यटन स्थलों में आस्था के केंद्र, आजादी की लड़ाई से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल, स्मारक, किले और प्राकृतिक स्थल हैं जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा के लोक कल्याण पत्र में किये गये वादों को पूरा करते हुये राज्य सरकार ने प्रदेश में सबसे पहले तीर्थ स्थलों का विकास शुरू किया।
प्रवक्ता के अनुसार यह पहला मौका था जब काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर पर काम शुरू हुआ। ब्रज क्षेत्र में महाभारत सर्किट, कपिलवस्तु, कुशीनगर, श्रावस्ती में बौद्ध सर्किट, चित्रकूट, अयोध्या एवं श्रृंगवेरपुर में रामायण सर्किट के रूप में विकसित किया गया। इससे वहां के उत्पादों को बढ़ावा मिला, रोजगार के अवसर बढ़े और नगरों का विकास हुआ। पर्यटकों को पहले से अधिक बेहतर सुविधाएं मिलने लगीं। इतना ही नहीं सरकार ने पर्यटन के साथ संस्कृति और धार्मिकता को महत्व दिया।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा में कृष्णोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, वाराणसी में भव्य देव दीपावली के आयोजनों ने पर्यटकों का मन मोह लिया। वाराणसी में क्रूज, गोरखपुर के रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स, पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा चन्दौली में देवदरी, राजदरी वाटरफॉल का विकास ने पर्यटन को नए आयाम दिए।
ये रहे लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017 में किये गये वादे
-मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विंध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और सर्किट, बुद्ध वाराणसी आदि में सांस्कृतिक पर्यटन सुविधाओं का विकास कर प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन सर्किट बनाये जाएंगे, जैसे राम सर्किट, कृष्ण सर्किट आदि।
-पर्यटकों की जानकारी, बुकिंग सहायता आदि के लिए एक समर्पित 24ग7 राज्य पर्यटन हेल्पलाइन की स्थापना की जाएगी।
-सभी तीर्थ स्थलों को चार लेन राजमार्ग के साथ जोड़ा जाएगा।
पिछले साढे़ चार साल में पर्यटन क्षेत्र में किये गये कार्य
-काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का विकास।
-अविरल और निर्मल गंगा के प्रति जन जागरूकता के लिए देश में पहली बार गंगा यात्रा का आयोजन।
-अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा में कृष्णोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, वाराणसी में भव्य देव दीपावली का आयोजन।
-उत्तर प्रदेश दिवस (24 जनवरी) का भव्य आयोजन। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले महानुभावों को सम्मानित किया गया।
-बौद्ध सर्किट में श्रावस्ती, कपिलवस्तु और कुशीनगर तथा रामायण सर्किट में चित्रकूट, अयोध्या एवं श्रृंगवेरपुर में पर्यटन सुविधाओं का विकास।
-बृज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद की स्थापना।
-ब्रज क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े प्रमुख स्थलों का पर्यटन विकास।
-अष्टभुजा व कालीखोह (विंध्याचल) में रोप-वे का संचालन एवं बरसाना (मथुरा) में रोप-वे निर्माणाधीन।
-नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, विन्ध्य तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, शुक्रधाम तीर्थ विकास परिषद, चित्रकूट तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद का गठन।
-महाभारत सर्किट के अन्तर्गत महाभारत से जुड़े स्थलों का विकास।
-शक्तिपीठ सर्किट एवं आध्यात्मिक सर्किट से जुड़े स्थलों का विकास।
-जैन तथा सूफी सर्किट के तहत आगरा एवं फतेहपुर सीकरी में पर्यटन सुविधाओं का विकास।
-गोरखपुर के रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स, पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा चन्दौली में देवदरी, राजदरी वाटरफॉल का विकास।
-उत्तर प्रदेश ट्रेवल मार्ट (लखनऊ) इण्डिया टूरिज्म मार्ट (नई दिल्ली), आम महोत्सव, कुम्भ मेला प्रयागराज, गोरखपुर महोत्सव के आयोजन।
-वाराणसी में क्रूज सेवा का संचालन।
-स्पिरिचुअल सर्किट के अन्तर्गत गोरखपुर, देवीपाटन, डुमरियागंज में पर्यटन सुविधाओं का विकास।
-जेवर, दादरी, नोएडा, सिकन्दराबाद, खुर्जा एवं बांदा में पर्यटन सुविधाओं का विकास।
-आगरा में शाहजहां पार्क एवं मेहताब बाग-कछपुरा का कार्य एवं वृन्दावन में बांके बिहारी जी मन्दिर क्षेत्र में पर्यटन विकास।