योगी कैबिनेट का फैसला, अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को भी मिलेगी आर्थिक मदद
राज्य सरकार प्रति माह देगी 2500 रुपये
लखनऊ, 02 अगस्त । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना के अलावा अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को भी आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार इन अनाथ बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह देगी। सरकार के इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने भी सोमवार को मंजूरी दे दी।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने आज कैबिनेट बाई सर्कुलेशन दस प्रस्तावों को मंजूरी दी। इस बैठक में अनाथ बच्चों की मदद और विधान मंडल के मानसून सत्र आहूत करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें पर्यावरण, राज्य संपत्ति, होमगार्ड, परिवहन, ऊर्जा, आवास व आबकारी विभाग के प्रस्ताव भी शामिल रहे।
प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों के बाद सरकार ने अब ऐसे बच्चों को भी आर्थिक मदद देने का फैसला किया है, जो किसी अन्य कारणों से भी अपने माता-पिता को खो चुके हैं। प्रदेश में कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में ‘उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा’ योजना का संचालन पहले से ही किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने योजना शुरु करने के समय ही कहा था कि कोरोना के अलावा अन्य कारणों से अनाथ बच्चों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार कैबिनेट ने आज उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अन्तर्गत आर्थिक सहयोग प्रदान करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। योजना के क्रियान्वयन में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत योजना में यथावश्यक संशोधन एवं परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री को प्राधिकृत किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के तहत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होंने कोरोना या अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों या फिर माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है तथा वह कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के बाद आगे की शिक्षा ले रहे हैं तो उन्हें भी मदद दी जाएगी। इंटर के बाद नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने वाले युवाओं को भी सरकार 2500 रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद प्रदान करेगी।
इस योजना के तहत जिनकी माता तलाकशुदा या परित्यक्ता हैं अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्य कमाने वाला जेल में है या फिर ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति या बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार या पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया है उन्हें भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना का लाभ एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को मिल सकेगा। सरकार हर बच्चे को 2500 रुपये प्रति माह आर्थिक मदद देगी। यह योजना शत-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
होमगार्ड्स स्वयंसेवकों की सेवावधि में मृत्यु पर परिवार को मिलेगा पांच लाख
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि योगी कैबिनेट ने होमगार्ड्स स्वयंसेवकों एवं अवैतनिक अधिकारियों की सेवावधि में मृत्यु की दशा में उनके नॉमिनी अथवा उत्तराधिकारी को अथवा स्थायी अपंगता की स्थिति में उनको पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिये जाने के प्रस्ताव को पारित किया है। इसके अलावा एक अंग अथवा एक आंख की पूर्ण रूप से हानि होने की दशा में उन्हें 2.5 लाख रुपये की अनुग्रह धनराशि दी जाएगी। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार यह व्यवस्था 06 दिसम्बर, 2020 से लागू होगी।
उप्र विधान मण्डल का मानसून सत्र 17 अगस्त से
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के दोनों सदनों के मानसून सत्र को 17 अगस्त से आहूत करने का भी निर्णय लिया है। प्रदेश में विधान सभा का चुनाव भी अगले वर्ष जनवरी-फरवरी माह में होने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि योगी सरकार के कार्यकाल का यह अंतिम सत्र होगा। योगी सरकार इस सत्र में अनुपूरक बजट भी पारित करा सकती है।
उप्र निरसन अध्यादेश का प्रारूप स्वीकृत
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी कैबिनेट ने आज की बैठक में उत्तर प्रदेश निरसन अध्यादेश, 2021 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 312 अधिनियमों को निरसित किये जाने के सम्बन्ध में शासन के सम्बन्धित प्रशासकीय विभागों से अनापत्तियां प्राप्त हुई, जिन्हें वर्तमान में अप्रचलित एवं अनुपयोगी होने के दृष्टिगत निरसित(समाप्त ) किया जाना प्रस्तावित है।
सरकार इन 312 अप्रचलित एवं अनुपयोगी हो चुके अधिनियमों को विधान मण्डल से भी निरसित(समाप्त ) कराने को 17 अगस्त से शुरु हो रहे मानसून सत्र में प्रस्तुत कर सकती है।