’सनातन के सूर्य’ हैं योगी आदित्यनाथ, सकुशल निभा रहे संरक्षक की भूमिका : स्वामी अवधेशानंद गिरी
डबल इंजन की सरकार ने महाकुम्भ में सनातन के शाश्वत सत्य स्वरूप का किया संरक्षण

प्रयागराज, 16 दिसम्बर । ‘सनातन संरक्षण की धर्मध्वजा को धारण करने वाले योगी आदित्यनाथ सही मायनों में सनातन का सूर्य हैं। वह सनातन के संरक्षण के दायित्वों को निभाते हुए नित्य ऐसे प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं जो किसी अन्य की क्षमता से परे है।‘ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में महाकुम्भ को लेकर तीर्थराज प्रयागराज में चल रही तैयारियों को लेकर प्रसन्नता जताते हुए श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने डबल इंजन के प्रयासों की भी प्रशंसा की है।
उन्होंने ‘महाकुम्भ को एकता का महायज्ञ’ बनाने के पीएम मोदी के आह्वान की भी प्रशंसा की और महाकुम्भ को स्वच्छ, स्वस्थ, हरित, डिजिटल व प्लास्टिक फ्री बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसे सफल बनाने के लिए देश के प्रत्येक गांव से लोगों को जुड़कर लाभ उठाना चाहिए तथा स्थानीय प्रशासन के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों और तीर्थयात्रियों को खुद भी आगे आकर स्वच्छता व धर्मार्थ कार्यों में प्रतिभाग करना चाहिए।
2019 में मिली कुम्भ को वास्तविक पहचान, 2025 महाकुम्भ गढ़ेगा नए प्रतिमानस्वामी अवधेशानंद गिरी ने प्रदेश में सीएम योगी की सरकार बनने के बाद 2019 में प्रयागराज में हुए कुम्भ के सफल आयोजन की प्रशंसा करते हुए महाकुम्भ 2025 के भव्य और दिव्य होने की आशा जताई। उन्होंने कहा कि यूं तो कुम्भ शताब्दियों से विचारों के आदान-प्रदान, विद्वानों के संगम और समस्त सनातनी शक्तियों की एकजुटता का केंद्र रहा है और धर्मसत्ता समेत देश की भी दशा दिशा तय करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पहले शास्त्रार्थ विधि से विमर्श होता था, आज के आधुनिक स्वरूप की मांग अनुसार अब अन्य प्रक्रियाओं ने भी जगह ले ली है। मुगल-अंग्रेज शासन व सनातन मूल्यों के प्रति उदासीन सरकारों के शासनकाल में भी कुम्भ के आयोजन हुए। मगर, 2019 कुम्भ ने सनातन के सत्य-शाश्वत स्वरूप को पहली बार पूरी दुनिया में सही मायनों में प्रदर्शित किया। मौजूदा महाकुम्भ इसमें एक कड़ी आगे बढ़कर सफलता के नए प्रतिमानों को स्थापित करने वाला सिद्ध होने जा रहा है।
बांग्लादेश कृतघ्न राष्ट्र, एकता ही हिन्दू व सनातन हितों के रक्षण का बनेगा माध्यमबांग्लादेश में जारी सियासी उठापटक के बीच हिन्दुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की भर्त्सना करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी ने बांग्लादेश को कृतघ्न राष्ट्र करार दिया। कहा कि पूरे विश्व में सनातन व हिन्दू हितों के विरुद्ध हो रहे षड़यंत्रों के खिलाफ एकता ही एकमात्र विकल्प है। वैश्विक पटल पर विश्वगुरू तथा महाशक्ति के तौर पर भारत के अरुणोदय को लेकर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि वह दिन बीत गए जब वैश्विक ताकतें भारत को पिछली पंक्ति में खड़ा पाती थीं। आज भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामरिक शक्ति उसे दुनिया का सशक्त राष्ट्र बना रही हैं। यही कारण है कि सकल विश्व आज भारत को समझना चाहता है। भारत आज वैश्विक सत्ता के नए केंद्र के रूप में अपनी पहचान पुख्ता कर रहा है और सकल विश्व में सनातन, हिंदू व मानवता के मानकों को स्थापित करने वाली शक्ति के तौर पर प्रतिबिंबित हो रहा है।
विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का होगा आयोजनउन्होंने आगे कहा कि 6 जनवरी को कैम्प में उनकी कथा का आयोजन किया जाएगा तथा विविध प्रकार के धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा द्वारा की जाएगी। अखाड़े द्वारा महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं तथा सकल विश्व से आने वाले डिग्निट्रीज के दर्शन-पूजन समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं व व्यवस्थाओं का उचित प्रबंध कर भव्य आवभगत की तैयारी की जा रही है।