वाराणसी : संतान की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने रखा जिउतिया व्रत
लक्ष्मीकुंड पर सोरहिया मेले का समापन,महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन पूजन के लिए उमड़ी भीड़
वाराणसी, 29 सितम्बर । अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर बुधवार को संतान की लंबी उम्र और सुखमय जीवन के लिए महिलाओं ने निर्जला जीउतिया (जीवितपुत्रिका) व्रत रखा। दोपहर बाद महिलाओं ने समूह में गंगाघाटों, वरूणा नदी के किनारे, ईश्वरगंगी तालाब, लक्ष्मी कुंड सहित नगर और जिले के तालाबों, मंदिर परिसर में भगवान जिउतवाहन की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर उनकी कथा सुनी। इसके बाद अपनी संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की।
जिउतिया पर्व पर ही लक्ष्मी कुंड पर आयोजित 16 दिवसीय सोरहिया मेले का भी समापन गया। लक्ष्मी कुंड स्थित मां लक्ष्मी का महिलाओं ने विधि विधान से पूजन कर मंदिर में उनके विग्रह का दर्शन किया। मंदिर परिसर में पूरे दिन श्रद्धालु महिलाओं और उनके परिजनों की भारी भीड़ जुटी रही। मेले के आखिरी दिन मंदिर परिसर और आस-पास स्थित विष्णु व शनिदेव मंदिर सहित प्राचीन काली मां मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया।
सोरहिया व्रत का संकल्प रखने वाली महिलाओं ने अन्तिम दिन जिउतिया का निर्जला व्रत पूरे उत्साह से रखा। भोर में स्नान ध्यान के बाद महिलाओं ने तोरई या सतपुतिया निगल कर व्रत की शुरूआत की। 24 घंटे के कठिन निर्जला व्रत का समापन गुरूवार को होगा। चढ़ाए गए प्रसाद चना को निगल कर व्रत को तोड़ा जाएगा। जितने पुत्र एवं पुत्रियां रहते है उतने ही चना गटककर महिलाएं अपना उपवास तोड़ती है। इसके बाद पकवान बनाकर पित्तरों (पूर्वजों)को भोग लगाने के बाद ही महिलाएं भोजन ग्रहण करती है।
जिउतिया व्रत को लेकर जिले के ग्रामीण अंचल में भी महिलाओं में उत्साह दिखा। संतान की लंबी उम्र के लिए माताओं ने व्रत रहकर पूजा की। चौबेपुर,चोलापुर ,दानगंज नियार,हाजीपुर, अजगरा,लोहता सुरही, बनकट, कोरौताबाजार,राजातालाब जक्खिनी, भवानीपुर, मातल देई, दीपा पुर,भीम चंडी, जयापुर, चंदापुर, रानी बाजार, कचनार बीरभानपुर, आदि गांव में महिलाओं ने समूह में भगवान जिउतवाहन की पूजा की। इसी तरह रोहनिया प्राचीन शिव धाम मंदिर दरेखू, बाणासुर मंदिर नरउर शूलटंकेश्वर, महादेव मंदिर माधोपुर में पूजन-अर्चन किया गया।