उत्तर प्रदेश में बढ़ेगी गन्ने की मिठास, चीनी मिलों का होगा आधुनिकीकरण

उत्पादन से लेकर रकबा और चीनी का परता बढ़ाने पर होगा काम

उत्तर प्रदेश में बढ़ेगी गन्ने की मिठास, चीनी मिलों का होगा आधुनिकीकरण

लखनऊ, 24 जून । उत्तर प्रदेश के 50 लाख से अधिक गन्ना उगाने वाले किसानों के परिवारों में गन्ना और मिठास घोलेगा। इसके लिए योगी सरकार-02 ने अगले पांच साल के लिए मुकम्मल रणनीति तैयार की है। समग्रता में बनी इस रणनीति में मिलों का आधुनिकीकरण, डिस्टलरी प्लांट, सल्फर मुक्त चीनी के उत्पादन से लेकर गन्ने की उपज, रकबा और चीनी का परता बढ़ाने पर चरणबद्ध तरीके से काम होगा।

पांच साल में 480 करोड़ की लागत से होगा 14 मिलों का आधुनिकीकरण

इस क्रम में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड की 14 चीनी मिलों की चरणबद्ध तरीके से अपग्रेडेशन की कार्ययोजना तैयार की है। इसमें कुल करीब 480 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पहले चरण 2022-2023 में अलीगढ़ की साथा, सुल्तानपुर और महराजगंज- नौतनवा का आधुनिकीकरण होना है। इन तीनों मिलों के आधुनिकीकरण में करीब 95 करोड़ रुपये की लागत का पूर्वानुमान है। दूसरे चरण (2023-2024) में कासगंज की बिलासपुर, बरेली की सीमाखेड़ा और पीलीभीत की पूरनपुर चीनी मिल के आधुनिकीकरण में सरकार 105 करोड़ रुपये खर्च करेगी। तीसरे चरण 2024-2025 में मऊ की घोसी, सीतापुर की महमूदाबाद, पीलीभीत की बीसलपुर और बदायूं की चीनी मिलों का आधुनिकीकरण होना है।

इसी तरह पांच साल की कार्ययोजना के अंतिम चरण में फर्रुखाबाद की कायमगंज, मुजफ्फरनगर की मोरना, शाहजहांपुर की तिलहर और बागपत की चीनी मिलों का अपग्रेडेशन होना है। बाद के दो चरणों में जिन 8 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण होना है, उसमें सरकार प्रत्येक चरण में 140 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

तीन मिलों में स्थापित होंगी डिस्टलरी इकाइयां

इसी तरह चरणबद्ध तरीके से उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की तीन मिलों गोरखपुर की पिपराइच, मेरठ की मोहिउद्दीनपुर में डिस्टलरी और बाराबंकी की बुढ़वल चीनी मिल में कोजन प्लांट, सल्फरलेस प्लांट और डिस्टलरी की स्थापना होनी है। इन तीनों में प्रदेश सरकार और केंद्र का अंशदान क्रमशः 30 प्रतिशत अंशदान और 70 प्रतिशत ऋृण होगा। छाता (मथुरा) में 550 करोड़ रुपये की लागत से मल्टीफ़ीड डिस्टलरी शुगर काम्प्लेक्स की स्थापना भी होगी।

मिलों के आधुनिकीकरण के अलावा सरकार ने पांच साल में प्रति हेक्टेयर गन्ने की उत्पादकता 81.5 टन से बढ़ाकर 84 टन करने का लक्ष्य रखा है। इसी अवधि में चीनी का परता 11.46 फीसद से बढ़कर 11.56 फीसद करने का भी लक्ष्य रखा है।

गन्ना किसानों को किया 1. 75 लाख करोड़ से अधिक का रिकॉर्ड भुगतान

उल्लेखनीय है कि किसानों की खुशहाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपने पहले कार्यकाल से ही सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। भुगतान के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश सरकार ने 2017 से अब तक 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर नया रिकॉर्ड कायम किया है। यहां तक कि कोरोना कालखंड में उप्र की सभी मिलें पूरी क्षमता से चलीं और चीनी उत्पादन का देश में रिकॉर्ड बनाया। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में एक भी चीनी मिल कोरोना काल में बंद नहीं होने दी।