सांगीपुर घटना में एसआईटी ने हटाई एफआईआर से धारा 307

सांगीपुर घटना में एसआईटी ने हटाई एफआईआर से धारा 307

सांगीपुर घटना में एसआईटी ने हटाई एफआईआर से धारा 307

प्रतापगढ़, 12 नवम्बर । सांगीपुर ब्लॉक में हुए गरीब कल्याण मेले के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं व भाजपा समर्थकों के बीच हुए बवाल में जेल गये एक और आरोपी को कोर्ट से जमानत मिलने पर रिहाई मिल गई। वहीं घटना को लेकर सांसद संगमलाल गुप्ता समेत भाजपा कार्यकर्ताओं व सांसद के गनर के द्वारा दर्ज करायी गई एफआईआर में से एसआईटी जांच को धारा तीन सौ सात एवं दो सौ छियासी तथा एससीएसटी एक्ट का तथ्य न मिलने पर मुकदमें से इन धाराओं को हटा दिया गया है।

घटना मे दर्ज एक एफआईआर में नामजद आरोपी उदयपुर थाना के कुम्भीआइमा निवासी प्रभात ओझा को कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट में पुलिस द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में सांगीपुर की घटना में जानलेवा हमले के तहत धारा तीन सौ सात व तीन सौ आठ के साथ दहशत व दलित उत्पीड़न का तथ्य नहीं मिल सका है। वहीं, सांसद संगमलाल गुप्ता के सुरक्षाकर्मी सुनील कुमार द्वारा लिखाई गई एफआईआर मे एससीएसटी का भी सबूत नहीं मिल सका।

आरक्षी सुनील कुमार का अनुसूचित जाति के वर्ग से बाहर होने के कारण घटना मे दलित उत्पीड़न की गुंजाइश भी नहीं रह गई। ऐसी स्थिति में सुरक्षाकर्मी पर भी एफआईआर में अपने को अनुसूचित जाति ठहराये जाने के गलत तथ्य को लेकर विभागीय जांच भी पुलिसकर्मी के गले की फांस बन सकती है। पुलिस जांच में इन धाराओं की मुकदमों से घटोत्तरी किये जाने को लेकर भी मुकदमों की जद में आये लोगों मे राहत देखी जा रही है।

गौरतलब है कि, सांगीपुर के बवाल में सांसद समेत आधा दर्जन लोगों की एफआईआर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी तथा क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना को भी आरोपी बनाया गया है। एसआईटी ने घटना के वीडियो क्लिप का अवलोकन करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अफसरों से भी बयान लिये थे। अफसरों ने भी सभागार में सांसद पर हमले के तथ्य को न केवल नकारा था बल्कि प्रमोद तिवारी तथा विधायक मोना के द्वारा भी माहौल को शांत कराये जाने को लेकर अपना पक्ष रखा था।

इधर, घटना के नामजद दो आरोपियों ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा एक ही घटना की छह एफआईआर और घटना मे दर्ज मुकदमों में तीन सौ सात की धारा के औचित्य पर पुलिस कार्यवाही पर कड़ी नाराजगी जताई थी। अब एसआईटी की कोर्ट में सौपी रिपोर्ट में भी धारा तीन सौ सात तथा अन्य कई धाराओं का लोप होना ठहराया गया है।

शुक्रवार को लालगंज आये प्रमोद तिवारी ने भी घटना को सिरे से पुनः खारिज करते हुए कहा है कि वह तो शुरू से कहते आ रहे हैं कि उन्हें इस घटना की सिपाही से लेकर डीजी तक की जांच पर अभी भी पूरा भरोसा है। घटना के बाद मीडिया में वीडियो क्लिप जारी कर कार्यक्रम में उपजी स्थिति को लेकर स्वयं तथा विधायक मोना के बीच-बचाव किये जाने का पुख्ता दावा पेश किया था। इधर, सांगीपुर की घटना को लेकर भाजपा के ओमप्रकाश पाण्डेय का भी एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में आरोपी ओमप्रकाश को सभागार के बाहर सार्वजनिक तौर पर क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करते भी देखा गया।