रेप पीड़िता संग शादी की शर्त से मुकरने पर अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार
रेप पीड़िता संग शादी की शर्त से मुकरने पर अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार
- हाई कोर्ट ने आरोपित को अदालत में सरेंडर करने का दिया निर्देश
प्रयागराज, 24 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप पीड़िता से शादी का वादा कर मुकरने वाले आरोपित सत्यम पाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया। उसे तीन दिन में ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि याची की जमानत अर्जी का यथाशीघ्र निस्तारण किया जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि याची इस आदेश पर अमल नहीं करता तो अदालत उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के माध्यम से आरोपित का सरेंडर सुनिश्चित कराए। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने झांसी के सत्यम पाल की जमानत अर्जी पर पीड़िता की अधिवक्ता सरस्वती यादव की अंतरिम जमानत निरस्त करने की आपत्ति पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले के तथ्यों के अनुसार याची ने पीड़िता से रेप किया और कुछ माह बाद जबरन गर्भपात कराया। इससे पीड़िता का स्वास्थ्य काफी खराब हो गया। एक व्यक्ति ने पीड़िता को मृत बच्चे के साथ देखा और पुलिस व एसपी झांसी को सूचना दी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
याची ने हाई कोर्ट में आश्वासन दिया था कि वह पीड़िता से शादी करने को तैयार है। इस शर्त पर उसकी गत 12 दिसम्बर को अंतरिम जमानत स्वीकृति की गई लेकिन उसने शादी नहीं की। कहा कि पीड़िता ही शादी को तैयार नहीं है।
पीड़िता की अधिवक्ता सरस्वती यादव ने अर्जी देकर आपत्ति की कि याची ने झूठा वादा कर अंतरिम जमानत हासिल की है। आदेश की शर्तों का पालन न करने के कारण अंतरिम जमानत निरस्त की जाए। इस पर कोर्ट ने जमानत अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया और आरोपित याची को अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया।
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