राम मंदिर के फर्श का काम पूरा : चंपत राय
राम जैसा आचरण दुनिया में कहीं नहीं मिलता
लखनऊ, 09 अप्रैल । विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर के फर्श का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। दिसम्बर 2023 तक रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जायेंगे और लोकसभा चुनाव 2024 की आचार संहिता लगने से पहले भक्तों को दर्शन मिलने लगेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले किसी भी हालत में हम चाहकर भी निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं कर सकते।
वह शनिवार को गन्ना संस्थान में वेदान्त भारत संस्था द्वारा ''श्रीराम की ऐतिहासिकता : वैज्ञानिक तथ्य'' पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
चंपत राय ने बताया कि जितना विशाल राम मंदिर बन रहा है पिछले सौ साल में इतना बड़ा स्ट्रक्चर खड़ा ही नहीं हुआ। पत्थरों का इतना बड़ा भवन बनाया ही नहीं गया। राम मंदिर में लोहे का प्रयोग बिल्कुल नहीं हो रहा है। छह एकड़ में साढ़े 15 मीटर गहराई में नींव डाली गई है। मंदिर की फर्श 21 फुट ऊंची बनाई गयी है।
राम जैसा आचरण दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा
चंपत राय ने कहा कि राम जैसा आचरण दुनिया में कहीं नहीं मिलता है। अच्छा समाज, अच्छा परिवार बनाने के लिए राम ने मर्यादाएं निर्धारित कीं। स्वानुशासन का पालन राम ने जीवनभर किया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि राम के सम्पूर्ण जीवन में समरसता दिखती है। निषादराज, शबरी, हनुमान सबसे उन्होंने स्नेह किया। चंपतराय ने कहा कि राम की पूजा करने वालों में भी राम व शबरी का व्यवहार नहीं दिखता है। राम को राज्य सत्ता का मोह नहीं था। राम अपने जैसा बनने की हमें प्रेरणा दें।
त्याग के बल पर टिकी है भारतीय संस्कृति : सह प्रान्त प्रचारक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक मनोज ने कहा कि त्याग के बल पर भारतीय संस्कृति टिकी है। भगवान राम के आदर्शों के आधार पर हम विश्व में श्रेष्ठ बनना चाहते हैं। हम वसुधैव कुटुम्बकम को मानने वाले लोग हैं। सह प्रान्त प्रचारक ने कहा कि राम जब वन गये तब वह राजकुमार राम थे। चौदह वर्षों के वनवास के बाद वह भगवान राम के रूप में पूज्य हो जाते हैं। मनोज ने कहा कि देश के लिए जीना सीखें।
राज्य सूचना आयुक्त सुभाष सिंह ने कहा कि धर्म, कर्म व कर्तव्य सब कुछ परिवार से शुरू होता है। इसलिए व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को संस्कारों के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने कहा कि राम के जीवन आदर्श को आचरण में उतारा जा सकता है। राम व कृष्ण ने हड़बड़ी में कोई काम नहीं किया। उन्होंने संयम और संकल्पबद्ध होकर चरणबद्ध ढंग से अपने कार्यों को पूरा किया।
कार्यक्रम का संचालन वेदान्त के प्रमुख डॉ विक्रम सिंह ने किया। इस अवसर लोहिया के डॉ नवीन जामवाल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, सह प्रान्त सेवा प्रमुख तेजभान सिंह व दैनिक जागरण के संपादक आशुतोष शुक्ल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।